लॉन्च हुआ भारत का पहला AI-मॉडल ‘Krutrim’ जानिए क्या हैं खासियत और कैसे काम करेगा?

कंपनी का दावा है कि कृत्रिम स्थानीय भारतीय ज्ञान, भाषाओं और डेटा पर बनाया गया है। अग्रवाल ने इस टूल को सभी के लिए फायदेमंद बताया है। हालांकि अभी ये क्लियर नहीं है कि किस तरह ये टूल काम करेगा और क्या-क्या सुविधाएं आम लोगों को देगा।

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ओला इलेक्ट्रिक के CEO भाविश अग्रवाल आज यानी 15 दिसंबर को भारत का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल ‘कृत्रिम’ (KrutrimAI) लॉन्च किया। ये मॉडल OpenAI के चैटबोट चैटजीपीटी और गूगल के बार्ड को टक्कर देगा।

लॉन्च इवेंट के दौरान, अग्रवाल ने कृत्रिम से पावर्ड AI चैटबॉट दिखाया जो चैटजीपीटी और बार्ड की तरह सवालों के जवाब देता है। यह 22 भारतीय भाषाओं को समझ सकता है और हिंदी, तेलुगु, मराठी जैसी 10 भाषाओं में टेक्स्ट तैयार कर सकता है।

भाविश अग्रवाल ने बताया कि अभी www.olakrutrim.com पर जाकर चैटबोट के लिए साइन अप कर सकते हैं। इसका अर्ली एक्सेस आज से ही बैचेज में मिलना शुरू हो जाएगा। अगले महीने के आखिर से ये सभी के लिए अवेलेबल होगा।

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कंपनी का दावा है कि कृत्रिम स्थानीय भारतीय ज्ञान, भाषाओं और डेटा पर बनाया गया है। अग्रवाल ने इस टूल को सभी के लिए फायदेमंद बताया है। हालांकि अभी ये क्लियर नहीं है कि किस तरह ये टूल काम करेगा और क्या-क्या सुविधाएं आम लोगों को देगा।

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अगले साल लॉन्च होगा कृत्रिम का प्रो वर्जन
कंपनी ने बताया कृत्रिम दो साइज में आएगा। बेस मॉडल, जिसे 2 ट्रिलियन टोकन और यूनीक डेटासेट पर ट्रेन किया गया है। बातचीत में इस्तेमाल होने वाले सबवर्ड को टोकन कहा जाता है। वहीं लार्जर मॉडल ज्यादा कॉम्प्लेक्स होगा, जिसका नाम कृत्रिम प्रो है। इसे अगले साल की शुरुआत में लॉन्च किया जाएगा।

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लार्ज लैंगवेज मॉडल है कृत्रिम
कृत्रिम एक लार्ज लैंगवेज मॉडल (LLM) है। LLM एक डीप लर्निंग एल्गोरिदम है। इन्हें बड़े डेटासेट का इस्तेमाल करके ट्रेन किया जाता है। इसीलिए इसे लॉर्ज कहते हैं। यह उन्हें ट्रांसलेट करने, प्रेडिक्ट करने के अलावा टेक्स्ट और अन्य कंटेंट को जनरेट करने में सक्षम बनाता है।

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लॉर्ज लैंगवेज मॉडल को न्यूरल नेटवर्क (NNs) के रूप में भी जाना जाता है, जो मानव मस्तिष्क से प्रेरित कंप्यूटिंग सिस्टम हैं। लार्ज लैंगवेज मॉडल को प्रोटीन संरचनाओं को समझने, सॉफ्टवेयर कोड लिखने जैसे कई कामों के लिए ट्रेन किया जा सकता है।

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