Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तरकाशी टनल हादसे में 17वें दिन बड़ी सफलता मिली है। आखिरकार टनल में फंसे 41 मजदूरों को सही सलामत बाहर निकालने शुरुआत हो चुकी है। खुदाई पूरी होने के बाद अब किसी भी पल 41 मजदूर बाहर आ जाएंगे। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, टनल के अंदर एम्बुलेंस के अलावा स्ट्रेचर और गद्दे पहुंचाए गए हैं। NDRF की टीम दो घंटे के अंदर 16 दिन से फंसे 41 मजदूरों को टनल से बाहर लाएगी।
टनल के पास बेस हॉस्पिटल है। यहां मजदूरों को प्राथमिक उपचार दिया जाएगा। इसके बाद इन्हें 30-35 KM दूर चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा। जहां 41 बेड का स्पेशल हॉस्पिटल बनाया गया है। अगर किसी मजदूर की हालत खराब हुई, तो उन्हें फौरन एयरलिफ्ट कर AIIMS ऋषिकेश भेजा जाएगा।
VIDEO | A temporary medical facility has been set up inside the #Silkyaratunnel. #UttarakhandTunnelRescue #UttarkashiRescue pic.twitter.com/a6cfEjItNA
— Press Trust of India (@PTI_News) November 28, 2023
PHOTO | Beds, chairs kept ready inside #SilkyaraTunnel, Uttarkashi as 41 workers, trapped since last 16 days, are expected to come out anytime soon.#UttarakhandTunnelRescue pic.twitter.com/UF57yncByE
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अबतक 15 श्रमिकों को बाहर निकाला गया है। बताया गया कि बचाव टीम को 57 मीटर पर मिला ब्रेकथ्रू। मुख्य सुरंग के भीतर चिकित्सकों की टीम श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है। केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बाहर निकाले गए श्रमिकों से बातचीत कर रहे हैं।
उत्तरकाशी टनल हादसे के बाद देश के सभी टनल की होगी जांच
उत्तरकाशी टनल हादसे के बाद सड़क और परिवहन मंत्रालय ने पूरे देश में बन रही 29 टनल का सेफ्टी ऑडिट कराने के फैसला किया है। इसके लिए कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ करार किया गया है। NHAI और दिल्ली मेट्रो के एक्सपर्ट मिलकर सभी टनल की जांच करेंगे और 7 दिन में रिपोर्ट तैयार करेंगे। अभी हिमाचल प्रदेश में 12, जम्मू-कश्मीर में 6, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान में 2-2 और मध्य प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़. उत्तराखंड और दिल्ली में एक-एक टनल बनाई जा रही है।
कैसे और कब हुआ ये हादसा
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल हादसा 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुआ था। टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर अंदर 60 मीटर तक मिट्टी धंसी। इसमें 41 मजदूर अंदर फंस गए। रेस्क्यू के दौरान 16 नवंबर को टनल से और पत्थर गिरे जिसकी वजह से मलबा कुल 70 मीटर तक फैला गया। टनल के अंदर फंसे मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं।
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