2050 तक भारत में होंगे 30 करोड़ मुस्लिम, दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी आबादी हिंदुओं की

अभी दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी ईसाइयों की, मुस्लिम दूसरे और नास्तिक तीसरे नंबर पर हैं

0
515

भारत2050 तक इंडोनेशिया को पछाड़कर दुनिया की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश बन जाएगा। साथ ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आबादी हिंदुओं की होगी। अमेरिकी एजेंसी प्यू रिसर्च सेंटर ने गुरुवार को जारी रिपोर्ट में ये दावा किया है। दुनिया में अभी सबसे ज्यादा अाबादी ईसाइयों की है। दूसरे नंबर पर मुस्लिम, तीसरे पर नास्तिक और चौथे नंबर पर हिंदू हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक सदी के अंत तक दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी मुस्लिमों की होगी। इस दौरान मुस्लिम 73% बढ़ेंगे, जबकि ईसाई 35% और हिंदू 34% बढ़ेंगे। और दुनिया की आबादी 35% बढ़ेगी। दुनिया में 2050 तक मुसलमानों की जनसंख्या कुल आबादी का करीब 30 फीसदी (2.8 अरब) और ईसाई आबादी 31 फीसदी (2.9 अरब) होगी। 2010 में दुनिया में 1.6 अरब (करीब 23 फीसदी) मुसलमान जबकि 2.17 अरब ईसाई थे।

हिंदु-ईसाई से दोगुना बढ़ेंगी मुस्लिम आबादी:

प्यू की रिपोर्ट में 2010 से 2050 के दौरान अलग-अलग धर्मों को मानने वालों की आबादी के बारे में अनुमान है। इसके मुताबिक दुनिया में हिंदू और ईसाइयों की तुलना में मुस्लिम आबादी बढ़त दोगुनी के करीब होगी।

2070 तक सबसे ज्यादा होंगे इस्लाम मानने वाले:

रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे धर्मों के मुकाबले इस्लाम को मानने वालों की आबादी ज्यादा तेजी से बढ़ेगी। इस कारण 2070 तक इस्लाम दुनिया का सबसे ज्यादा माना जाने वाला मजहब बन सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक 2050 तक यूरोप में हिंदू और मुस्लिम आबादी करीब दोगुना बढ़कर 10% हो जाएगी। सात साल पहले यानी, 2010 में यूरोप में 5.9% मुस्लिम थे।

भारत में ईसाईयो से ज्यादा बढ़ेंगे मुस्लिम:

2050तक भारत में मुस्लिम आबादी ईसाइयों की तुलना में 4 गुना तक बढ़ जाएगी। जबकि हिंदू 33% और ईसाई 18% तक बढ़ेंगे।

सिर्फ बौद्ध घटेंगे:

रिपोर्ट में सभी धर्मों के मानने वालों की संख्या बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। लेकिन बौद्ध इकलौता धर्म है, जिसकी आबादी घटने की बात कही गई है। रिपोर्ट के मुताबिक बौद्ध आबादी 2050 तक माइनस 0.3% तक घटने का अनुमान है। चीन, जापान और थाइलैंड जैसे देशों में बड़ी आबादी बौद्ध धर्म मानने वालों की है। लेकिन यह आबादी लगातार बूढ़ी हो रही है। इसलिए प्रजनन दर कम है।

इसलिए बढ़ रहे हैं मुस्लिम:

  • मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि दर बाकी धर्मों से ज्यादा है। सबसे ज्यादा प्रजनन दर के कारण मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ सकती है। वैश्विक स्तर पर एक मुस्लिम महिला के औसतन 3.1 बच्चे होते हैं। जबकि बाकी धर्मों का ये औसत 2.3 है।
  • मुस्लिम जनसंख्या में सबसे ज्यादा युवा आबादी है। 2010 में युवा मुस्लिमों की औसत आयु 23 साल थी। गैर-मुस्लिम युवाओं की औसत आयु 30 साल थी। युवा आबादी का मतलब है मुस्लिमों की बड़ी आबादी या तो बच्चे पैदा कर रही है या भविष्य में करेगी।
इन्हें भी पढ़ें:

(खबर कैसी लगी बताएं जरूर। आप हमें फेसबुकट्विटर और यूट्यूब पर फॉलो भी कर सकते हैं)