Uttarkashi tunnel collapse : उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 40 श्रमिक, 24 घंटे से राहत बचाव कार्य जारी

निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में ह्यूम पाइप का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन दुर्भाग्य से जिस दिन हादसा हुआ उस दिन संवेदनशील हिस्से में ह्यूम पाइप नहीं बिछाए गए थे। पाइप बिछे होते तो मजदूर अंदर नहीं फंसते। वह अब तक पाइपों के जरिए बाहर आ चुके होते।

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Uttarkashi tunnel collapse : दीवाली के दिन यानी (12 नवंबर) को उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन की घटना घटी। दरअसल, सिल्क्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह गया है, जिसकी वजह से टनल में काम कर रहे 40 श्रमिक अंदर ही रह गए हैं। यह घटना सुबह साढ़े पांच बजे शिफ्ट बदली करने के दौरान सुरंग में भूस्खलन हुआ। मुख्य द्वार से करीब 270 मीटर दूरी पर मलबा आने से सुरंग बंद हो गई। घटना को 24 घंटे से अधिक समय हो गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस राहत-बाचव में जुटे हैं। सुरंग में उत्तराखंड, झारखंड व बिहार के मजदूर फंसे हुए हैं।

वहीं इस घटना पर मजदूरों ने कहना है कि यहां डंपरों में रखे ह्यूम पाइप का इस्तेमाल संवेदनशील हिस्सों में किया जाता था। पाइप बिछे होते तो मजदूर अंदर नहीं फंसते। वह अब तक पाइपों के जरिए बाहर आ चुके होते। निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भी ह्यूम पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा था लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि जिस दिन हादसा हुआ उस दिन संवेदनशील हिस्से में ह्यूम पाइप नहीं बिछाए गए थे।

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इस घटना पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटनास्थल पर पहुंचकर राहत-बचाव कार्यों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बचाव अभियान और मलबा हटाने का काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि सुरंग में श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रात भर रेस्क्यू अभियान चलाया गया है।

श्रमिकों से वॉकी टॉकी के जरिये संपर्क जुड़ा है और वे सभी सुरक्षित हैं। मजदूरों ने खाने की मांग की है, जिन्हें पाइप के जरिए खाना भिजवाया जा रहा है‌। हमारी प्राथमिकता है सभी को सुरक्षित बचाए जाने की है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रेलमंत्री ने भी इस संबंध में हमसे बात की है। प्रधानमंत्री ने बचाव और राहत कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी लेते हुए प्रदेश सरकार को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।

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वहीं एसपी अर्पण यदुवंशी ने कहा कि फंसे मजदूरों का बचाव अभियान जारी है। सभी एजेंसियां और तकनीकी विशेषज्ञ घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। 60 मीटर मलबे में से 20 मीटर से ज्यादा मलबा हटा दिया गया है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही अंदर फंसे 40 लोगों को निकाल लिया जाएगा। सुरंग में फंसे लोगों को सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। 

फिलहाल, सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए मलबा हटाने का कार्य निरंतर जारी है, मलबा हटाने के लिए हैवी एक्सकैवेटर मशीनों को जुटाया गया है। फिलहाल सभी मजदूर सुरक्षित बताए जा रहे हैं । टनल में पानी की आपूर्ति के लिए बिछी पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए चना-चबैना के पैकेट कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे मजदूरों तक भेजे गए हैं।

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