क्या है No-Fault Divorce, क्यों भारत में तेज है इस नाम की चर्चा, पढ़ें इसके बारें सबकुछ?

अमेरिका में हर साल लगभग 40 -50 लाख शादियां होतीं हैं जिसमे करीब 50% रिश्ते तलाक की भेंट चढ़ जाते हैं। वैसे तो ज्यादातर देशों में तलाक की प्रक्रिया लंबी है और ये फॉल्ट थ्योरी पर आधारित है।

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No-Fault Divorce: दुनिया भर में तलाक के मामले तेजी से बढ़ रहें हैं। कोरोना महामारी के बाद भारत में भी तलाक के केसों में बढ़ोतरी हुई है। इसके बावजूद भारत दुनिया में पहला देश है जहां रिश्तों को बनाए रखने में लोगों का ज्यादा विश्वास है। इसलिए शायद भारत में तलाक लेने की व्यवस्था भी काफी जटिल है। आंकड़े बताते हैं कि 100 में से केवल 1 भारतीय विवाह तलाक तक पहुंचता है, जो अमेरिका की 50% शादियों की तुलना में काफी कम है।

एक रिपोर्ट कहती है कि अमेरिका में हर साल लगभग 40 -50 लाख शादियां होतीं हैं जिसमे करीब 50% रिश्ते तलाक की भेंट चढ़ जाते हैं। वैसे तो ज्यादातर देशों में तलाक की प्रक्रिया लंबी है और ये फॉल्ट थ्योरी पर आधारित है। पर अब कई देश No-Fault Divorce को अपना रहें हैं। इस नाम की चर्चा हाल ही में भारत में भी हुई है। तो चलिए जानते हैं आखिर No-Fault Divorce  क्या है?

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क्या है No-Fault Divorce?
इस तलाक के प्रोसेस की सबसे खास बात है कि इसमें दूसरे में कोई कमी बताए ही दोनों लोग अलग हो जाते हैं। कपल को अलग होने के लिए बहुत ज्यादे कानूनी दाव पेंच में नहीं पड़ना पड़ता. ज्यादातर तलाक मारपीट, मानसिक उत्पीड़न की वजह से होतें हैं। तलाक देने वाले कपल तलाक देने से पहले तलाक की वजह बताते है लेकिन नो-फॉल्ट डिवोर्स में ऐसा नहीं होता. इस तरह के तलाक में सबूत की जरूरत नहीं होती।

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कहां से आया No-Fault Divorce ?
Union of Soviet Socialist Republics जिसकी स्थापना 30 दिसंबर 1922 को हुई। उस वक्त No-Fault Divorce, USSR में कॉमन हो चूका था पर भारत में तलाक की ये प्रक्रिया आज भी नई है ,पर रूस इसे 100 साल पहले अपना रहा था।

1917 की बोल्शेविक क्रांति में व्लादिमीर लेनिन दुनिया के सामने उभरे. लेनिन ने USSR को आधुनिक बनाने पर पूरा जोर दिया। जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ा। लेनिन के liberalization से पहले रशियन चर्च में शादी और तलाक के मामले सॉल्व होते थे।

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बोल्शेविक क्रांति के बाद लेनिन ने शादी और तलाक की जिम्मेदारी से चर्च को फ्री कर दिया। लेनिन के बाद सत्ता जोसेफ स्टालिन के पास आई। स्टालिन भी मार्क्सवादी नेता थे पर स्टालिन ने सत्ता में आते ही तलाक के मॉर्डन सिस्टम को खतरा बता दिया। स्टालिन के मुताबिक तलाक का नया तरीका परिवार तोड़ने वाला था इसलिए स्टालिन ने नए नियम पर रोक लगा दी थी।

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No-Fault Divorce किन देशों में वैध है?
ज्यादातर देशों में तलाक फॉल्ट पर आधारित होता है। कपल को वजह भी बतानी पड़ती है। भारत जैसे देश में तो तलाक की लम्बी प्रक्रिया है लेकिन यूरोप के कई देश, जैसे यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका के ज्यादातर राज्य, माल्टा, स्वीडन, स्पेन, मैक्सिको में नो-फॉल्ट डिवोर्स को कानूनी चोला प्राप्त है। इसके अलावा चीन भी नो फाल्ट डाइवोर्स को अपना चूका है। 2010 में अमेरिका के सभी राज्यों में इस कानून को लागू कर दिया गया था।


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