IPhone Hacking: क्या है पूरा मामला, सिर्फ विपक्ष के नेताओं को ही क्यों मिला यह अलर्ट?

इसके कुछ देर बाद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि ये अलर्ट मेरे ऑफिस में सबको मिला है। कांग्रेस में लिस्ट बनी है। पवन खेड़ा, सुप्रिया, प्रियंका.. इनके साथ भी ऐसा हुआ है।

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IPhone Hacking Controversy: कांग्रेस नेता शशि थरूर, पवन खेड़ा, AAP सांसद राघव चड्‌ढा, शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और CPI(M) के जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी इन तमामों नेताओं के बीच अफरातफरी का माहौल तब बन गया जब विपक्ष के कई नेताओं के पास एपल की ओर से अलर्ट आया कि उनके फोन को हैक किया जा सकता है। तमाम नेताओं ने एक्स अकाउंट पर एपल की ओर से आए नोटिफिकेशन का स्क्रीनशॉट शेयर किया। ये ही नहीं इन नेताओं सरकार पर हमला बोला है और जासूसी का आरोप लगाया है।

फिर क्या था..इसके कुछ देर बाद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि ये अलर्ट मेरे ऑफिस में सबको मिला है। कांग्रेस में लिस्ट बनी है। पवन खेड़ा, सुप्रिया, प्रियंका.. इनके साथ भी ऐसा हुआ है। सरकार चाहे तो मेरा फोन ले ले, मुझे फर्क नहीं पड़ता।

क्या लिखा है इन अलर्ट मैसेज में?
जो स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं, वे एपल ID पर आए अलर्ट मैसेज हैं। इनमें लिखा है कि एपल को लगता है स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर्स आपको अपना टारगेट बना रहे हैं। ये आपकी एपल ID से जुड़े आईफोन को रिमोट मोड पर लेकर उसमें सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

इस ईमेल का टाइटल है- ‘अलर्ट- स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स आपके आईफोन को अटैक कर रहे हैं’। इसमें लिखा है कि ये अटैकर्स आपको शायद आपके पद और आपके काम की वजह से टारगेट कर रहे हैं। अगर आपकी डिवाइस किसी स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर ने कॉम्प्रोमाइज कर ली है तो हो सकता है कि वे आपकी निजी जानकारी, आपकी बातचीत, यहां तक कि आपका कैमरा और माइक्रोफोन भी रिमोट एक्सेस कर सकते हैं। मैसेज में ये भी लिखा गया कि हो सकता है ये एक फॉल्स अलार्म हो, लेकिन फिर भी इस वॉर्निंग को गंभीरता से लें।

एपल की तरफ से अलर्ट मैसेज पर क्या आया जवाब
एपल ने कहा- स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स को बढ़िया फंड मिलता है और वे बहुत सॉफिस्टिकेटिड तरीके से काम करते हैं। उनके अटैक भी समय के साथ बेहतर होते जाते हैं। ऐसे हमलों का पता लगा पाने के लिए हमें थ्रेट इंटेलिजेंस सिग्नल पर निर्भर रहना पड़ता है, जो कि कई बार परफेक्ट नहीं होते या अधूरे रहते हैं। ये संभव है कि एपल के कुछ थ्रेट नोटिफिकेशन फाल्स अलार्म हों या कुछ अटैक को डिटेक्ट न किया जा सके। हम ये जानकारी दे पाने में अक्षम हैं कि किन कारणों से हम थ्रेट नोटिफिकेशन जारी करते हैं, क्योंकि ऐसा करने से स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स अलर्ट हो जाएंगे और फिर वे अटैक करने के अपने तरीके ऐसे बदल लेंगे कि भविष्य में पकड़ में नहीं आ पाएंगे।

सिर्फ विपक्ष के नेताओं को अलर्ट मैसेज क्यों?
एपल के सपोर्ट पेज के मुताबिक यह अलर्ट इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि यदि किसी यूजर के आईफोन पर राज्य-प्रायोजित साइबर अटैक की कोशिश की जाती है तो यूजर को अलर्ट मिल जाएगा। ट्रेडिशनल साइबर क्रिमिनल और राज्य-प्रायोजित हैकर्स के तरीके अलग-अलग होते हैं। राज्य-प्रायोजित हैकर्स बहुत ही कम यूजर्स को एक खास तरीके से टारगेट बनाते हैं। यह नोटिफिकेशन तब मिलता है जब यूजर्स के अकाउंट के साथ लगातार संदिग्ध गतिविधी देखी जाती है। appleid.apple.com पर एपल आईडी से लॉगिन करके भी इस अलर्ट को देखा जा सकता है।

वही विपक्ष के द्वारा जासूसी के आरोप पर केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “सरकार इस मुद्दे को लेकर काफी चिंतित है और इसकी जांच के लिए वह इसकी तह तक जाएगी। कुछ लोगों को देश के विकास रास नहीं आ रहा है। ये लोग देश का विकास नहीं देख सकते। एपल द्वारा भेजा गया यह अलर्ट 150 देशों में अलग-अलग लोगों को फोन हैकिंग का अलर्ट मिला है।”

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