पुणे: महाराष्ट्र क्रिकेट संघ स्टेडियम में जारी पहले टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाजों का भाग्य ने साथ नहीं दिया। जिसके कई कारण है। आपको बता दें भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ये पहला मौका है जब टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया ने महज़ 11 रनों के अंदर अपने 7 विकेट गंवा और ऑल आउट हो गए। अगर आपने मैच नहीं देखा तो हम आपको बताते हैं ऐसा मैदान में क्या हुआ जिसके चलते कोहली की टीम 105 रनों में सिमट कर रह गई।
ये हैं प्रमुख कारण
भाग्यशाली रहे कि भारतीयों ने कैच दिए
स्पिनर स्टीव ओकीफी ने कहा कि भारतीय बल्लेबाजों का भाग्य ने साथ नहीं दिया जो गेंद उनके बल्लों को चूमकर निकली और वे कैच आउट हो गए। भारतीय पारी में छह विकेट लेने वाले ओकीफी ने पहले टेस्ट मैच में दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, ‘यहां जिस तरह से एकदम से चीजें बदली वह दिलचस्प रहा। मैंने नौ ओवर के बाद 30 रन देकर कोई विकेट नहीं लिया था। शायद मैं अपने पहले छह ओवरों में अच्छी गेंदबाजी नहीं कर पाया था। और इसके बाद जो कुछ हुआ वह तेजी से हुआ और मुझे लगता है कि यह विकेट इसी तरह का है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने कई गेंदें खेली और कई हम चूक गये और भाग्य हमारे साथ रहा कि गेंदों ने उनके बल्लों का किनारा लिया और हमने उन्हें कैच किया। कुल मिलाकर यह हमारे लिये अच्छा दिन रहा और बल्लेबाजों ने भी दिन का अच्छा अंत किया।’
स्मिथ ने दी खेल को मजबूती:
बल्लेबाजों के लिए मुसीबत बनी स्पिन की मददगार इस पिच पर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीवन स्मिथ ने अच्छे से अपने पैर जमा लिए हैं। वह स्टम्प्स होने पर 59 रनों पर नाबाद लौटे। कप्तान के साथ मिशेल मार्श भी 21 रन बनाकर खेल रहे हैं। स्टीव ओकीफ की शानदार गेंदबाजी के दम पर भारत को पहली पारी में 105 रनों पर समेटने के बाद दूसरी पारी खेलने उतरी ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत खराब रही। 23 के कुल स्कोर तक डेविड वार्नर (10) और शॉन मार्श (0) पवेलियन लौट गए थे। पीटर हैंड्सकॉम्ब के रूप में ऑस्ट्रेलिया ने 61 के कुल स्कोर पर अपना तीसरा विकेट गंवाया। यह तीनों विकेट अश्विन ने लिए।
104 इनिंग के बाद विराट जीरो पर आउट
क्रिकेट हिस्ट्री में नौ ऐसे बैट्समैन हैं जो सभी फॉर्मेट में 100 से ज्यादा इनिंग खेलने के बाद जीरो पर आउट हुए। इसमें टेस्ट ,वनडे और ट्वेंटी-20, तीनों को शामिल किया गया है। विराट तीनों फाॅर्मेट में 104 इनिंग खेलने के बाद जीरो पर आउट हुए।
पाकिस्तान के मोहम्मद यूसुफ 103 इनिंग, दक्षिण अफ्रीका के फाफ डू प्लेसिस 108 इनिंग, पाकिस्तान के जावेद मियांदाद 112 इनिंग, न्यूजीलैंड के जैरेमी कोनी 117 इनिंग, वेस्टइंडीज के कार्ल हूपर 122 इनिंग, इंग्लैंड के एलेक स्टीवर्ट 135 इनिंग, सचिन तेंदुलकर 136 इनिंग और राहुल द्रविड़ 173 लगातार इनिंग्स में जीरो पर आउट नहीं हुए थे।
मैच की काया बदलने वाले ये हैं 11 चांस
चांस न. 1 : केएल राहुल का विकेट। उस वक्त भारतीय टीम तीन विकेट पर 94 रन पर थी। भले ही विराट जीरो पर आउट हो गए थे। लेकिन भारत मुश्किलों में नहीं था। कमजोर शॉट पर वो आउट हुए। बल्कि राहुल के इस विकेट को टर्निंग पॉइंट कह सकते हैं, क्योंकि वह बहुत अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे।
चांस न. 2 से 7: नंबर दो से लेकर नंबर सात तक भारत के आखिरी छह विकेट थे। चौथा विकेट 94 पर गिरने के बाद के हालात देखिए. पांचवां 95, छठा 96, सातवां 95, आठवां 98, नौवां 101 और दसवां 105 पर। 11 रन के भीतर सात विकेट निकल गए।
हमें याद रखना चाहिए कि पिछली सीरीज में भारत की कामयाबी में बड़ा रोल निचले क्रम के बल्लेबाजों ने निभाया था। पुणे में आखिरी छह बल्लेबाजों ने कुल 11 रन बनाए। अश्विन एक, साहा जीरो, जडेजा और जयंत यादव 2-2, उमेश यादव ने चार और इशांत शर्मा ने दो रन बनाए।
इसके बाद चार लम्हे थे, जब भारत ने कैच छोड़े। इनमें से तीन कैच तो कप्तान स्टीवन स्मिथ के ही थे, जिन्होंने अब तक नॉट आउट रहते हुए 59 रन बना लिए हैं।
चांस न. 8 : सबसे पहले अश्विन की गेंद पर स्मिथ का कैच छूटा। तब वह 23 रन पर खेल रहे थे और ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 42 था।
चांस न. 9: एक बार फिर स्मिथ का कैच छूटा। इस बार गेंदबाज रवींद्र जडेजा था। उनका कैच मिड ऑन पर अभिनव मुकुंद ने छोड़ा. आसान कैच था। उस समय स्मिथ 29 पर खेल रहे थे। ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 57 रन था।
चांस न. 10: एक बार फिर स्मिथ का कैच छूटा। इस बार गेंदबाज अश्विन थे। फील्डर अभिनव मुकुंद ही थे। स्मिथ ने आगे बढ़कर खेलने की कोशिश की। गेंद बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर पैड पर लगी और शॉर्ट लेग पर गई। मुकुंद का हाथ पहले हेलमेट पर लगा। शायद इसी वजह से गेंद उनके हाथ से छिटक गई। स्मिथ 37 पर थे और ऑस्ट्रेलिया 80 पर।
चांस न. 11 रेनशॉ का मौका मिला। इस बार तो मौके के साथ चौका भी मिला। जयंत यादव की गेंद पर वह रिवर्स स्वीप करने गए थे। गेंद ने टॉप एज लिया और पहली स्लिप में रहाणे के पास गई। स्मिथ तक गेंद पहुंचती, इससे पहले ही मुरली विजय ने दूसरी स्लिप से हाथ आगे बढ़ा दिया। उनकी इस कोशिश ने एक और कैच बरबाद कर दिया। चौका दिया अलग से। रेनशॉ तब 25 पर थे और ऑस्ट्रेलिया 103 पर।
एक कैच और छूटा। लेकिन वो बहुत मुश्किल था। इसे हाफ चांस कह सकते हैं। इसलिए वो मौका हम इसमें शामिल नहीं कर रहे हैं। जब आपके बल्लेबाज मुश्किल पिच पर समर्पण कर दें और फील्डर कैच न कर पाएं, तो फिर वही होगा, जो टीम इंडिया के साथ हुआ है। ऑस्ट्रेलिया के पास 298 रन की बढ़त है और छह विकेट अब भी सुरक्षित हैं।
दिन का खेल खत्म होने तक स्टीव स्मिथ (59) और मिशेल मार्श (21) क्रीज पर थे।
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली इनिंग में 260 रन बनाने के बाद भारत को 105 रन पर ऑलआउट कर दिया।
पहली इनिंग की 155 रन की लीड को मिलाकर मैच में ऑस्ट्रेलिया के पास कुल 298 रन की लीड हो चुकी है।
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