क्या है राजस्थान का 10 करोड़ का मामला? अब बना कांग्रेस विधायकों के लिए टिकट में रोड़ा

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विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों (Rajasthan Congress Candidates) की घोषणा का काउंट डाउन शुरू हो गया है। स्क्रीनिंग कमेटी ने करीब 100 सीटों पर सिंगल नामों का पैनल केंद्रीय चुनाव समिति के सामने रखा। इस बैठक के बाद 106 कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होनी थी।

लेकिन चुनाव समिति की बैठक में केंद्रीय नेतृत्व ने कुछ सीटों पर आपत्ति जताई है, इसलिए फिलहाल यह सूची अटक गई है। हालांकि, बिना विवाद वाली सीटों पर उम्मीदवार तय हो गए हैं। पहली लिस्ट में सीएम अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, सचिन पायलट और मंत्रियों के नाम हैं। लगातार जीत रहे नेताओं के नाम भी पहली लिस्ट में हैं।

इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक बयान ने सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है। गहलोत ने ऑपरेशन लोटस का जिक्र करते हुए 101 विधायकों के पक्ष में बयान दिए। पत्रकारों से बात करते हुए अशोक गहलोत ने 10 करोड़ का राग फिर से छेड़ा है। गहलोत ने कहा कि जब 2020 में राजस्थान में सरकार गिराने की साजिश चल रही थी, तब निर्दलीय विधायकों को 10-10 करोड़ रुपए का ऑफर दिया गया था। विधायकों ने उसे लेने से मना कर दिया।

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गहलोत ने यह भी कहा कि अगर वे ले लेते, तो कौन क्या कर लेता? जिन विधायकों ने पैसे लिए, उनसे कौन पूछने जा रहा है?  जानकारों का मानना है कि गहलोत का यह बयान प्रेशर पॉलिटिक्स का हिस्सा है। गहलोत निर्दलीय और बीएसपी से आए विधायकों को कांग्रेस से टिकट दिलाने की पैरवी में जुटे हैं। पिछले 2 दिनों में कई निर्दलीय विधायकों ने गहलोत से मुलाकात की है।

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क्या है 10 करोड़ का मामला?

राजस्थान 2018 के चुनाव में कांग्रेस को 100, बीजेपी को 73, बीएसपी को 6, आरएलपी को 3, सीपीएम-बीटीपी को 2-2 और आरएलडी को 1 सीटों पर जीत मिली। 13 निर्दलीय भी जीतने में कामयाब रहे, जिसमें से 11 कांग्रेस के बागी थे। चुनाव के बाद कांग्रेस ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी। उनके करीबी दावेदार सचिन पायलट को उप-मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली, लेकिन यह जोड़ी ज्यादा दिनों तक नहीं चली। जून 2020 में सचिन पायलट ने बगावत का बिगुल फूंक दिया।

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पायलट अपने 25 विधायकों के साथ हरियाणा के मानेसर चले गए, जिसके बाद सरकार खतरे में आ गई। गहलोत ने सचिन पायलट के मानेसर जाने को बीजेपी का साजिश बताया और पूरे घटना को ऑपरेशन लोटस से जोड़ा। गहलोत ने कहा कि विधायकों को पैसे के बल पर ले जाया गया है।

पायलट के प्लान को फेल करने के लिए गहलोत ने बीएसपी, सीपीएम, बीटीपी और निर्दलीय विधायकों को अपने साथ जोड़ा। सभी विधायकों को मिलाकर गहलोत 101 का आंकड़ा पार करने में सफल रहे, जिसके बाद सरकार नहीं गिरी। इधर, कांग्रेस हाईकमान सचिन पायलट को भी मनाने में कामयाब रहा।

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पूरे प्रकरण में 10 करोड़ रुपए की गूंज रही। गहलोत के मुताबिक बीजेपी के बड़े नेताओं ने सरकार गिराने के लिए विधायकों को 10-10 करोड़ रुपए का ऑफर किया। कुछ विधायकों ने पैसे भी लिए। एक कार्यक्रम में गहलोत ने कहा था कि बीजेपी से हमारे कुछ विधायकों को 10-10 करोड़ रुपये मिले। मैंने उन विधायकों से कहा है कि उसके पैसे वापस कर दें। अगर किसी ने पैसे खर्च कर दिए हैं, तो उसे मैं दे दूंगा या कांग्रेस हाईकमान से दिलवा दूंगा।

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पहली लिस्ट में इन बड़े नेताओं को टिकट लगभग तय

विधानसभा कैंडिडेट
लक्ष्मणगढ़ (सीकर) गोविंद सिंह डोटासरा
सरदारपुरा अशोक गहलोत
नाथद्वारा डॉ. सीपी जोशी
टोंक सचिन पायलट
बायतू हरीश चौधरी
केकड़ी रघु शर्मा
जहाजपुर धीरज गुर्जर
सलूंबर रघुवीर मीणा

इन मंत्रियों के टिकट तय

विधानसभा कैंडिडेट
अंता प्रमोद जैन भाया
बागीदौरा महेंद्र जीत सिंह मालवीय
डीग-कुम्हेर विश्वेन्द्र सिंह
लालसोट परसादी लाल मीणा
बांसवाड़ा अर्जुन बामणिया
सिविल लाइंस प्रतापसिंह खाचरियावास
खाजूवाला गोविंद मेघवाल
सपोटरा रमेश मीणा
झुंझनूं बृजेंद्र ओला
मांडल रामलाल जाट
बानसूर शकुंतला रावत
अलवर ग्रामीण टीकाराम जूली
कोटपूतली राजेंद्र यादव
हिंडोली अशोक चांदना
कामां जाहिदा खान
सिकराय ममता भूपेश
दौसा मुरारीलाल मीणा
निम्बाहेड़ा उदय लाल आंजना
पोकरण सालेह मोहम्मद
सांचौर सुखराम विश्नोई

इन मौजूदा विधायकों के नामों को भी हरी झंडी मिल सकती है

विधानसभा कैंडिडेट
डूंगरपुर गणेश घोघरा
बाड़मेर मेवाराम जैन
पचपदरा मदन प्रजापत
आदर्श नगर रफीक खान
ओसियां दिव्या मदेरणा
नावां महेंद्र चौधरी
बारां पाना चंद मेघवाल
सरदारशहर अनिल शर्मा
सुजानगढ़ मनोज मेघवाल
मंडावा रीटा चौधरी
नवलगढ़ राजकुमार शर्मा
फतेहपुर हाकम अली
रामगढ़ सफिया जुबेर खान
बाड़ी गिरिराज सिंह मलिंगा
बसेड़ी खिलाड़ीलाल बैरवा
राजाखेड़ा रोहित बोहरा
निवाई प्रशांत बैरवा
डीडवाना चेतन डूडी
शेरगढ़ मीना कंवर
जोधपुर मनीषा पंवार
लूणी महेंद्र विश्नोई
बिलाड़ा हीराराम मेघवाल
वल्लभनगर प्रीति शक्तावत
बेगूं राजेंद्र सिंह बिधूड़ी
प्रतापगढ़ रामलाल मीणा
भीम सुदर्शन सिंह रावत
विराट नगर इंद्रराज गुर्जर
जायल मंजू मेघवाल
दांतारामगढ़ वीरेंद्र सिंह
नोहर अमित चाचाण
सवाईमाधोपुर दानिश अबरार
खेरवाड़ा दयाराम परमार
सादुलपुर कृष्णा पूनिया
बांदीकुई जीआर खटाणा
जमवारामगढ़ गोपाल मीणा
देवली -उनियारा हरीश मीणा
सादुलशहर जगदीश चंद्र जांगिड़
करौली लाखन सिंह
किशनगंज निर्मला सहरिया
जैसलमेर रूपाराम धनदेव

इन सीटों पर नए चेहरों की सिफारिश

विधायक कैंडिडेट
मुंडावर ललित यादव
लूणकरणसर राजेंद्र मूंड
शिव फतेह खान
पिलानी पितराम काला
खेतड़ी पूरणमल सैनी
चौमूं हरसहाय यादव
लोहावट अभिषेक चौधरी

 

बता दें, कांग्रेस ने 15 अक्टूबर को MP, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के लिए 229 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी। इनमें मध्य प्रदेश की 230 में से 144, छत्तीसगढ़ की 90 में से 30 और तेलंगाना की 119 में से 55 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे। 16 अक्टूबर को मिजोरम की 40 में से 39 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था। 200 सीटों वाली राजस्थान की कोई लिस्ट नहीं आई है।

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