रविवार को प्रयागराज में भारतीय वायु सेना (Indian air force) (IAF) प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने वार्षिक वायु सेना परेड के दौरान वायु सेना के ध्वज का अनावरण किया। आपको बता दें कि ऐसा भारतीय वायु सेना में 72 वर्षों में पहली बार हुआ है। यह एक ऐतिहासिक अवसर था।
इस नए ध्वज में ऊपर दाएं तरफ भारतीय वायुसेना की शिखा को दर्शाया गया है। शिखा पर राष्ट्रीय चिन्ह है। शीर्ष पर अशोक स्तंभ है। उसके नीचे देवनागरी में ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है। अशोक स्तंभ के नीचे एक हिमालयी ईगल है जिसके पंख फेले हुए हैं, जो भारतीय वायु सेना के लड़ने के गुणों को दर्शाता है।
भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य ‘गौरव के साथ आकाश को छुएं’ देवनागरी में हिमालयन ईगल के नीचे अंकित है। यह वाक्य भगवद गीता के अध्याय 11 के श्लोक 24 से लिया गया है। आपको बता दें कि भारतीय वायु सेना ने एक बयान में कहा, ‘भारतीय वायु सेना के मूल्यों को बेहतर तरीके से दर्शाने के लिए अब एक नया ध्वज बनाया गया है। ध्वज के ऊपरी दांए तरफ फ्लाई साइड की ओर वायु सेना क्रेस्ट को शामिल किया गया है।
आपको बता दें कि 8 अक्टूबर 1932 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय वायु सेना की अधिकारिक तौर पर स्थापना की गई थी। इसकी उपलब्धियों को देखते हुए मार्च 1945 में इसे ‘रॉयल’ शब्द से सम्मानित किया गया था। देश आजाद होने के बाद 1950 में वायुसेना ने अपने नाम में लगा रॉयल उपसर्ग हटा दिया था। साथ ही अपने झंडे को भी बदल दिया था। आजादी के बाद निचले दाएं कैंटन में यूनियन जैक को भारतीय तिरंगे के साथ और आरएएफ राउंडल्स को आईएएफ तिरंगे राउंडेल के साथ बदलकर भारतीय वायुसेना का ध्वज बनाया गया था।
ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुक, ट्विटर, इंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।