पीरियड के क‍ितने दिन बाद शारीर‍िक संबंध बनाने से प्रेग्‍नेंट नहीं होती महिलाएं?

अगर आप अपने पीरियड सायकल को सही तरह से कैलकुलेट करती हैं, तो अपने लिए सेफ प‍ीरियड को जान सकती हैं। इस दौरान सेक्‍स करने से आपके प्रेग्नेंट होने की संभावना कम रहती है। चूंकि, महिलाओं का पीरियड आगे-पीछे होता रहता है और गलत कैलकुलेशन की वजह से सेफ पीरियड में सेक्‍स करने से प्रेग्नेंट न होने की कोई गारंटी नहीं है।

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अनचाही प्रेग्‍नेंसी (Avoid Pregnancy) से बचने के ल‍िए सबसे कारगार तरीका है सेफ सेक्‍स। कई महिलाएं अक्‍सर ये सवाल करती हैं क‍ि प्रेग्‍नेंसी या गर्भधारण करने से बचने के ल‍िए महिलाओं को पीरियड के क‍ितने दिन बाद शारीर‍िक संबंध बनाना चाह‍िए और परहेज करना चाह‍िए। क्‍या ऐसा कोई सेफ पीरियड होता है?

जब असुरक्षित संबध बनाने के बाद भी प्रेग्‍नेंट होने की संभावना को टाल जा सकता है। तो इसका जवाब है हां, अगर आप अपने पीरियड सायकल को सही तरह से कैलकुलेट करती हैं, तो अपने लिए सेफ प‍ीरियड को जान सकती हैं। इस दौरान सेक्‍स करने से आपके प्रेग्नेंट होने की संभावना कम रहती है।

पीरियड के पहले दिन से लेकर अगले महीने की पीरियड के पहले दिन तक पीरियड सायकल को कैलकुलेट किया जाता है। आमतौर पर से 28 दिनों की साइकिल होती है और 14वें दिन ओवलुशेन होता है, जिसमें प्रेगनेंट होने की संभावना सबसे ज्‍यादा होती है। महिला के शरीर में स्‍पर्म तीन से पांच दिन तक रहता है और अंडा 12 से 24 घंटे तक जिंदा रहता है। इसलिए ओवुलेशन के पांच दिन पहले और ओवुलेशन वाले दिन कभी भी सेक्‍स करने से प्रेगनेंट होने की संभावना सबसे ज्‍यादा रहती है।

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पीरियड आने के पहले दिन से लेकर दसवें दिन तक का समय उर्वर नहीं माना जाता। इस दौरान गर्भधारण की संभावना सबसे कम होती है। 12वें दिन से लेकर 18वें दिन तक गर्भधारण की संभावना सबसे ज्‍यादा होती है। इसलिए यदि इस समय के मुताबिक संबंध बनाए जाएं तो गर्भधारण की संभावना कम होती है। लेकिन याद रखिए, यह सौ फीसदी सुरक्षित उपाय नहीं है।

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रिदम मेथड को समझें
रिदम मेथड को कैलेंडर मेथड भी कहा जाता है। कैलेंडर मेथड प्रेग्नेंसी रोकने का ही एक तरीका है। इसमें किसी महिला को अपने मेंस्ट्रुअल साइकिल और फर्टिलिटी के समय को ट्रैक करने की जरूरत होती है। महिलाएं महीने के कुछ दिनों में सबसे ज्यादा फर्टाइल होती है यानी उस वक्त प्रेग्नेंसी की संभावना बहुत ज्‍यादा होती है। अगर आप प्रेग्नेंट नहीं होना चाहतीं तो आपको उस दौरान सेक्स करने से बचना चाहिए जब आप फर्टाइल होती है।

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कैसे काम करता है ये मेथड
ऐसे में जो महिलाएं कैलेंडर मेथड का इस्तेमाल करती हैं, उन्हें अपने पिछले पीरियड्स के आने के वक्त पर नजर रखनी पड़ती है ताकि यह पता लगाया जा सके कि महीने के कौन से दिनों में वह फर्टाइल होंगी। फर्टिलिटी डेज का पता होने पर महिलाएं ये निर्णय ले सकती हैं कि उन्हें इस दौरान सेक्स करना है या नहीं। जो लोग प्रेग्नेंसी नहीं चाहते, वो इस दौरान कंडोम कर सकते है। ऐसे बहुत से तरीके हैं जिसके जरिए महिलाएं अपनी फर्टिलिटी को मॉनिटर कर सकती हैं। आमतौर पर महिलाओं को पीरियड्स 28 दिनों के अंतराल में आ जाते हैं लेकिन कई बार यह अवधि 21 से 35 दिनों की भी हो सकती है।

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असुरक्षित तरीके से सेक्स करना ठीक नहीं
अगर आप अपने पीरियड सायकल को सही तरह से कैलकुलेट करती हैं, तो अपने लिए सेफ प‍ीरियड को जान सकती हैं। इस दौरान सेक्‍स करने से आपके प्रेग्नेंट होने की संभावना कम रहती है। चूंकि, महिलाओं का पीरियड आगे-पीछे होता रहता है और गलत कैलकुलेशन की वजह से सेफ पीरियड में सेक्‍स करने से प्रेग्नेंट न होने की कोई गारंटी नहीं है। इस दौरान आकस्‍म‍िक प्रेग्‍नेंसी भी हो सकती है। इसलिए ये बात भूलनी नहीं चाहिए कि असुरक्षित तरीके से सेक्स करना किसी भी प्रकार से सही नहीं है।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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