कंगाल हो गया ब्रिटेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर, करोड़ों का बकाया, जानें क्या हुआ?

शहर में कंगाली के हालात इसलिए पैदा हो गए हैं क्योंकि “समान वेतन देनदारी” के लिए फंड देना होगा जो अब तक 650 मिलियन जीबीपी से 760 मिलियन जीबीपी के क्षेत्र में जमा हो चुका है,

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दुनिया पर राज करने वाले ब्रिटेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर बर्मिंघम दिवालिया (Birmingham Bankrupt)  हो गया है। बर्मिंघम को चलाने वाले स्थानीय अधिकारियों ने सालाना बजट में कमी के कारण काउंसिल को दिवालिया घोषित कर दिया है। शहर के ऊपर करोड़ों डॉलर का बकाया भी है।

इस शहर में काम करने वाले कई कर्मचारियों महीनों से सैलरी तक नहीं मिली है। जिसके चलते अब शहर ने अपने सभी गैर-जरूरी खर्च बंद कर दिए हैं। जानकारी के मुताबिक, ब्रिटेन के शहर पर 76 करोड़ पाउंड (भारतीय करेंसी के मुकाबले 95.6 करोड़ डॉलर) तक की सैलरी बकाया है।

बर्मिंघम सिटी काउंसिल को विपक्षी लेबर पार्टी चलाती है, ये यूरोप में 100 से ज्यादा काउंसलर्स वाली सबसे बड़ी लोकल अथॉरिटी है, इसने धारा 114 नोटिस जारी कर कहा कि कमजोर लोगों और वैधानिक सेवाओं की सुरक्षा को छोड़कर, बाकी सभी सेवाएं तत्काल प्रभाव से बंद की जाती हैं।

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काउंसिल ने कहा कि एक बेहद गंभीर वित्तीय स्थिति पैदा हो गई है, क्योंकि उसे ‘समान वेतन दायित्व’ के पैसे देने होंगे, जो अब तक 650 मिलियन पाउंड से 760 मिलियन पाउंड के बीच में हो चुकी है लेकिन उसके पास इसकों पूरा करने के लिए संसाधन नहीं हैं।

क्यों पैदा हुए कंगाली के हालात
नोटिस रिपोर्ट के मुताबिक, शहर में कंगाली के हालात इसलिए पैदा हो गए हैं क्योंकि “समान वेतन देनदारी” के लिए फंड देना होगा जो अब तक 650 मिलियन जीबीपी से 760 मिलियन जीबीपी के क्षेत्र में जमा हो चुका है, लेकिन उसके पास ऐसा करने के लिए रिसोर्सेज नहीं हैं। यही नहीं शहर को इस साल 2023-24 में 8.7 करोड़ पाउंड का घाटा होने की आशंका है।

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काउंसिल की उप नेता, शेरोन थॉम्पसन ने शहर में इन हालातों का कुछ हद तक जिम्मेदार ब्रिटेन की सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी को भी ठहराया है। उन्होंने कहा कि बर्मिंघम में ‘कंजर्वेटिव सरकारों द्वारा 1 बिलियन पाउंड की फंडिंग छीन ली गई। हालात बदतर होने के चलते शहर में सभी फिजूल खर्ची पर रोक लगा दी गई है। हालांकि, शहर में व्यापार अभी भी खुले हैं और बाजार के व्यापारी लोगों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं।

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