अमरीका के वैज्ञानिक जिसमें एक भारतीय मूल का वैज्ञानिक भी शामिल है ने एक एेसी तकनीक खोज निकाली है जिससे आपका पासवर्ड हैक नहीं होगा। इस तकनीक में फिंगरप्रिंट सेंसर जैसे इनपुट डिवाइस से शरीर में होकर सिग्नल रिसीवर तक भेजे जाते हैं।
वार्इ-फार्इ या ब्लूटूथ जैसी तकनीक से अब तक सिग्नल को हवा द्वारा भेजा जाता था। इस प्रोसेस में सिग्नल अनसेफ होते हैं क्योंकि उनको हैक किया जा सकता है लेकिन शरीर से होकर जाने वाले सिग्नल एकदम सिक्योर होते हैं। एेसे सिग्नल हैक नहीं हो सकते हैं।
अभी तक फिंगरप्रिंट स्कैनर या वियरेबल डिवाइसेज जैसी तकनीक को इनपुट के तौर पर क्रमशः मोबाइल पासवर्ड इनपुट करने या डाटा रिकाॅर्ड करने जैसे कामों में ही यूज किया जाता था। एेसा पहली बार होगा कि आउटपुट डिवाइस के तौर पर इनसे किसी अन्य डिवाइस पर आउटपुट सिग्नल भेजे जाएंगे।
मसलन फिंगरप्रिंट स्कैनर पर इनपुट कर आप दूसरे हाथ से स्मार्ट लाॅक खोल सकेंगे। इसमें आपका यूजर डाटा सेंसर से आपके शरीर में दाखिल होकर लाॅक तक पहुंचेगा आैर उसे खोल देगा। लेकिन ध्यान रहे इस दौरान आपके दोनों हाथ डिवासेज पर होने चाहिए तब ही ये सिग्नल ट्रांसफर हो सकेंगे।
वैज्ञानिकों ने इस तकनीक का स्मार्टफोन आैर फिंगरप्रिंट सेंसर्स के अलावा लैपटाॅप ट्रैकपैड आैर कैपेसिटिव टचपैड पर सफलतापूर्वक प्रयोग किया है। दस अलग-अलग हाइट, वजन आैर बाॅडी टाइप वाले यूजर्स के साथ किए गए टैस्ट में वैज्ञानिक बाॅडी सिग्नल ट्रांसिमशन करने में कामयाब रहे। यहां तक कि सिस्टम ने तब भी काम किया जब यूजर्स मूवमेंट कर रहे थे। वैज्ञानिकों ने साझा किया कि यह सिस्टम यूजर्स के खड़े होते समय, बैठते समय आैर सोते समय के दौरान भी सही काम कर रहा था।