राजकार्य में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज किया

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हनुमानगढ़। माकपा नेता मंगेज चौधरी के खिलाफ युवती के शव के पोस्टमार्टम के दौरान राजकार्य में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है। जिसके विरोध में मार्क्सवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को जिलेभर में प्रदर्शन किया। माकपा कार्यकर्ताओं ने सभी तहसील मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे। जिला मुख्यालय पर माकपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन किया और माकपा नेता मंगेज चौधरी के खिलाफ दर्ज मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग को लेकर एसपी के नाम का डीएसपी रमेश माचरा को ज्ञापन सौंपा। माकपा जिला सचिव रघुवीर सिंह वर्मा ने आरोप लगाया कि नोहर के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने अपनी लापरवाही और सेवाओं की कमियों को छिपाने के लिए नोहर पुलिस थाने में राजकार्य में बाधा डालने के झूठे आरोप में मामला दर्ज करवाया है। मंगेज चौधरी हमेशा से ही मजदूर, किसान और आम आदमी के हितों की आवाज उठाते रहे हैं। रघुवीर वर्मा ने कहा कि 6 मई को एक दलित महिला की मौत हो गई थी। उसका शव पोस्टमार्टम के लिए नोहर के सरकारी अस्पताल में लाया गया। डॉक्टर बदहाल परिजनों से कांच का जार और अन्य सामग्री मंगवाते हैं। जब परिजन यह सामग्री लेकर पहुंचते हैं, तो डॉक्टर पोस्टमार्टम करने से मना कर देते हैं।

परिजन बार-बार डॉक्टर से मिन्नत करते हैं, लेकिन फिर भी डॉक्टर पोस्टमार्टम करने से इनकार कर देते हैं। इस घटना को लेकर आम लोगों में आक्रोश फैल जाता है। सुबह ग्रामीण और माकपा नेता मंगेज चौधरी वहां पहुंचते हैं और पोस्टमार्टम नहीं करने पर आक्रोश व्यक्त करते हैं। उस समय डॉ. दीपक के नहीं होने पर ग्रामीण वापस चले जाते हैं और मृतका का पोस्टमार्टम हो जाता है। रघुवीर वर्मा ने कहा कि डॉक्टर के अपने कार्य के प्रति इमानदार नहीं होने के कारण जो सामान पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल से मिलना चाहिए था, वह परिजन लेकर आए तो सूर्य अस्त होने की बात कही जाती है, जबकि एफआईआर में डॉक्टर्स कह रहे हैं कि शव को गाड़ी में रखा हुआ था। मोर्चरी में नहीं रखा था इसलिए पोस्टमार्टम नहीं किया गया, जबकि यह काम परिजनों का नहीं है।

डॉक्टरों की लापरवाही के कारण दलित परिवार के सदस्य का शव पूरी रात मॉर्चरी के बाहर पड़ा रहा। इसी बात को लेकर अगले दिन जब माकपा नेता मंगेज चौधरी और अन्य लोग अस्पताल पहुंचे और पोस्टमार्टम नहीं करने और पोस्टमार्टम सामग्री बाहर से मंगवाने का कारण पूछा तो अपनी कमजोरियों को छिपाने के लिए और नागरिकों का बढ़ते आक्रोश को देखते हुए दो दिन बाद मामला दर्ज करवा दिया गया। रघुवीर वर्मा ने कहा कि यह मुकदमा राजनीति से प्रेरित होकर और संघर्षों की आवाज बन चुके मंगेज चौधरी को फंसाने के लिए झूठे आरोप हैं, ताकि वे डॉक्टरों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद न कर पाएं।

यही कारण है कि एफआईआर में मात्र एक ही व्यक्ति मंगेज चौधरी को नामजद किया गया है। माकपा कार्यकर्ताओं ने इस एफआईआर की निष्पक्ष जांच करवाकर मामले में एफआर प्रस्तुत नहीं किए जाने पर पूरे जिले में आंदोलन करने की चेतावनी दी। इस मौके पर सरपंच बलदेव सिंह, बहादुर सिंह चौहान, आत्मासिंह , बसंत सिंह, वारिस अली, वेद मक्कासर, बृजलाल स्वामी, लालचंद देवर्थ ,विनोद वर्मा सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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