हनुमानगढ़। जिले की मंडियों हनुमानगढ़ जं., टाउन, टिब्बी, तलवाडा, पीलीबंगा आदि मंडियों के व्यापारी, किसान एवं मजदूरों द्वारा गेहू की खरीद में आ रही समस्याओ सहित अन्य मांगों के निस्तारण की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मुख्य मांगो में जनाधार, ऑनलाइन पंजीकरण एवं गिरदावरी कि शर्त से छुट प्रदान करने एवं आधार कार्ड तथा बैंक पास बुक के माध्यम से किसान कि गेहूं खरीद किये जाने, राज्य सरकार द्वारा राजस्थान में लागू बोनस योजना के समय पंजाब एवं हरियाणा से गेहूं कि आवक को रोकने के लिए समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करने, गिरदावरी एवं जन आधार कार्ड अनिवार्यता की शर्त लगाई गई थी, परंतु अब गेहूं खरीद पर सरकार द्वारा बोनस नहीं दिया जा रहा है I इसलिए राजस्थान के सीमावर्ती राज्यों – हरियाणा, पंजाब से गेहूं यहां आने की कोई संभावना नहीं है। सरकार गेहूं खरीदना चाहती है परंतु इतनी अधिक दस्तावेजी औपचारिकता जनाधार, ऑनलाइन पंजीकरण एवं गिरदावरी कि अनिवार्यता वर्तमान समय में है कि किसान पूरी नहीं कर सकता है । औपचारिकता पूर्ण करने के बाद भी गेहूं एक दिन में नहीं बेची जा सकती है I अगर दूसरे या तीसरे दिन किसान को दोबारा गेहूं लानी पड़े तो फिर वही प्रक्रिया दोबारा पूरी करनी पड़ेगी। संभावना यह भी है कि उस जन आधार कार्ड पर किसान दोबारा गेहूं विक्रय भी नहीं कर सकता है, इस दस्तावेजी अनिवार्यता की दुविधा से बचने के लिए किसान को अपनी गेहूं 50 से 100 रुपए प्रति क्विंटल मंदे में ही गेहू बेचना चाहेगा और सरकार द्वारा दिए जा रहे एमएसपी मूल्य का लाभ से वन्चित रह जाएगा , बारिश से प्रभावित 100 % लस्टर लॉस (चमक हीन) की छुट दिए जाने, वर्तमान समय में किसानो पर मौसम कि बेमौसमी बरसात से भारी मार झेलनी पड रही है जिससे भी आर्थिक नुक्सान का सामना करना पड रहा है I कृषि जींस बारिश से प्रभावित हुई है I बारिश कि वजह से गेहूं कि चमक में भी कमी आयी है जिसके कारण किसान परेशान है और सरकार के द्वारा लागु दस्तावेजी अनिवार्यताओ के चलते तथा चमक हीन 100 % गेहूं जिसे सरकार द्वारा एफसीआई के द्वारा खरीद नही किया जा रहा है.
जिससे किसान अपना गेहूं कि फसल राजस्थान राज्य से पडौसी राज्यों जिनमे उक्त दस्तावेजी अनिवार्यता लागू नही है में ले जाने को विवश होगा जिससे राज्य को राजस्व की आर्थिक हानि होगी और राज्य कि जनकल्याणकारी योजनाओं एपीएल, बीपीएल इत्यादि में गेहूं वितरण के लिए अन्य राज्यों से अतिरिक्त धनराशी खर्च कर मंगवाना पड़ेगा। हनुमानगढ़ जिले के व्यापारी जो नियत समय पर अपना टैक्स भरते है जिससे राज्य सरकार द्वारा विभिन्न जनकल्याण के लिए योजनाओं निशुल्क चिकित्सा सेवा, बिजली- पानी, सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर इत्यादि का वितरण किया जाता है I व्यापारी एवं किसान अनावश्यक दस्तावेजी अनिवार्यताओ के चलते परेशान है जिससे इनमे रोष उत्पन्न होने लगा है जो कि आन्दोलन का रूप ले सकता है I उपरोक्त शर्तों जनाधार, ऑनलाइन पंजीकरण एवं गिरदावरी को तुरंत प्रभाव से हटाया जाए और किसान का गेहूं कि खरीद हेतु सरल तरीका अपनाया जावे आधार कार्ड एवं बैंक पास बुक के माध्यम से खरीद किया जावे एवं बारिश से प्रभावित हुए 100 % चमक हीन गेहूं कि सरकार द्वारा एफसीआई द्वारा गेहूं खरीद किया जावे ताकि किसान को उसकी फसल का पूरा मूल्य मिल सके एवं सरकार को गेहूं प्राप्त हो सके तथा राजस्व कि हानि नही हो । ल उपरोक्त मांगो पर विचार कर नही किये जा कर नही माने जाने पर हनुमानगढ़ जिले के किसान,व्यापारी एवं मजदुर संगठनों द्वारा विवश होकर मजबूरन हड़ताल जैसे गंभीर कदम उठाने पड़ेंगे जिससे होने वाले किसी भी क्षति के लिए प्रशासन जिम्मेवार होगा I
इस मौके पर फ़ूडग्रेन मर्चेंट्स एसोसिएशन संस्था अध्यक्ष संतराम जिंदल, हनुमानगढ़ जिला खाद्य व्यापार संघ के कोषाध्यक्ष एवं व्यापार मंडल हनुमानगढ़ जंक्शन के अध्यक्ष प्यारेलाल बंसल,व्यापार संघ संस्था हनुमानगढ़ के अध्यक्ष राजकुमार सोडा, जिला खाद्य व्यापार संघ के सचिव अजय सराफ , अनिल कुमार बंसल, मदन लाल गोयल, विजय रोता, अमन साहू, सनी जुनेजा, विनय गर्ग, रमेश डाबला, भगवान सिंह खुडी किसान संघ नेता, दलीप सिंह ढिल्लों, पवन बंसल, सुरेन्द्र सिंह शेखावत आदि अनेक व्यापारी किसान एवं मजदुर थे।
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