हनुमानगढ़। संत कबीर पंथ रामपाल जी महाराज का सत्संग जंक्शन में आयोजित हुआ। सत्संग के दौरान दो जोड़ों का रमैनी परम्परा द्वारा विवाह समपन्न करवाया गया। जिसमें सुनील दास पुत्र काशीराम निवासी स्लैमपुरा अनूपगढ़ का चक ज्वाला सिंह वाला निवासी पूनम दासी पुत्री सुभाष दास के साथ व बंशीदास पुत्र सोहनलाल टिब्बी निवासी का विवाह संगरिया निवासी खुशबू पुत्री सुशील के साथ्ज्ञ समपन्न करवाया गया। सत्संग के दौरान सतगुरू संत रामपाल जी महाराज के आशीर्वाद से 17 मिनट में बिना फेरों के बिना किसी दिखावे के अनोखी शादी रचाई गई। सत्संग के दौरान सतगुरू संत रामपाल जी महाराज ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की सामाजिक और आर्थिक उन्नति में वहां के युवाओं का अतुलनीय योगदान रहता है। इसलिए युवाओं को उच्चतम शिक्षा के साथ साथ उनमें उच्चतम आदर्श नैतिक सदगुणों का विकास होना अत्यंत आवश्यक है। वर्तमान के इस दौर में जहाँ एक तरफ महँगी शादियों का चलन युवा पीढ़ी में निरन्तर बढ़ता जा रहा है चाहे इसके लिए उन्हें भारी कर्ज लेकर भी शादी क्यों ना करनी पड़े।
अगर युवा शिक्षित वर्ग महंगी ओर चकाचौंध को ठुकराकर सादगी से ओर दहेज मुक्त शादी हेतु आगे बढ़कर आएं तो निश्चित तौर पर हम कह सकते हैं कि दहेज मुक्त भारत बनने में ज़्यादा समय नही लगेगा। इस अवसर पर भोज के नाम पर महज चाय और बिस्कुट का नाश्ता वितरण किया गया । वर और वधू का कहना है कि संत रामपाल जी महाराज जी के आध्यात्मिक तत्वज्ञान से आज समाज में लाखों लोगों ने दहेज मुक्त शादियां की है यह तभी संभव हो पाया है जब इनके द्वारा रचित पुस्तक जीने की राह मिली और संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश प्राप्त किया । ऐसे में दहेज रूपी राक्षस का अंत तभी हो सकता है जब समाज का युवा वर्ग आगे बढ़कर दहेज जैसी घातक बीमारी को जड़ से उखाड़ फेंके। संत रामपाल जी कहते हैं, आप से आवे रत्न बराबर, मागें आवे लोहा। स्थानीय सेवादारों ने बताया कि संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में इस प्रकार के आयोजन निंरतर हो रहे हैं।
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