हनुमानगढ़। संत शिरोमणी सदगुरु रविदास महाराज की 646 वी जयंती के उपलक्ष में श्री गुरु रविदास मंदिर सेवा समिति के तत्वावधान में मनाये जा रहे तीन दिवसीय महोत्सव के अंतिम दिन गुरु महाराज का जन्म दिहाड़ा हर्षो उल्लास से मनाया गया। सर्वप्रथम गुरुघर में अमृतवाणी के पाठ कर भोग डाला गया। तत्पश्चात लुधियाना से आये भाई दर्शन सिंह रागी जत्थे ने गुरुमहिमा पर प्रकश डालते हुए गुरुओ की वाणी से संगत को निहाल किया।उन्होंने समारोह में मोजूद संगत से गुरुओ के बताये मार्ग पर चलते हुए व उनके वचनों को आत्मसात कर जीवन यापन करने का सन्देश दिया। हनुमानगढ़ से सुखदुआ समाज के छन्नो मुख्य बाई,मैना बाई,बाबा निर्मल सिंह आदि द्वारा भजन गाकर गुरु महाराज का गुणगान किया।कीर्तन समागम के पश्चात गुरु रविदास महाराज की आरती की गई और गुरुघर के सेवादार श्याम लाल रंगा ने अरदास कर शेत्र की सुख समृधि व सरबत के भले की कामना की।
कार्यक्रम में सभापति गणेशराज बंसल,पूर्व उपसभापति नगीना बाई, पार्षद हिमांशु महर्षि,बलराज सिंह दानेवालिया,सुमीत रिणवा,अमित साहू,सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता,अमरजीत सिंह मेहरडा,अधिशाषी अभियंता लखपत राय मेहरडा,नेमीचंद वर्मा,बाबा हरबंस सिंह,बाबा जसवंत सिंह आदी ने शिरकत कर गुरु महाराज के चित्र के समक्ष शीश नवाकर आशीर्वाद लिया। समिति संरक्षक रामचंद जाटव,सोहनलाल अलवारिया, प्रबन्धक कमेटी के प्रधान रामपाल जाटव,सचिव विजय कुमार पाल,कोषाध्यक्ष राजेन्द्र मांडेया,प्रचार मंत्री श्यामलाल रंगा,श्री गुरु रविदास समाज महासभा के प्रदेश सचिव मनसुखजीत सिंह बंगा,जिला अध्यक्ष पालसिंह आदि द्वारा अतिथियो व कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग करने वाले सेवादारो का सरोपा पहनाकर व गुरु महाराज का चित्र देकर सम्मान किया गया। अंत में गुरु का अटूट लंगर बरताया गया। रविदास महासभा के सदस्यों ने जिले की समस्त तहसीलों के गावो से संगतों को लेकर शिरकत की। इस दोरान रामपाल सिंह,हेमचंद मांडेया,पूर्णचंद मांडेया,सतगुरुपाल बंगा,ऋषिपाल,नारायण राम,सुरेंद्र कुमार बौद्ध,तुषारपाल, परविंदर कौर,अशोकपाल,अमर सिंह, आदित्य पाल सहित भारी तादाद में संगत मोजूद थी ।
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