ढीकोला में गोकुल डेयरी द्वारा 622 दुग्धदाताओं को 7 लाख 13 हजार रू का बोनस वितरित

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संवाददाता शाहपुरा। शाहपुरा भीलवाड़ा शाहपुरा उपखंड क्षेत्र के उप तहसील ढिकोला गोकुल डेयरी, पुर के आदर्श दुग्ध संकलन केंद्र ढीकोला में रविवार को वार्षिक बोनस वितरण समारोह हुआ। करीब 622 दुग्ध उत्पादकों को 7 लाख 13 हजार रुपए नकद बोनस के रूप में दिए गए। बोनस वितरण समारोह का आयोजन भारतीय डेयरी एसोसिएशन के राजस्थान चेप्टर के सचिव डॉ. करुण चंडालिया थे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता डेयरी के सलाहकार एडवोकेट मुरलीधर व्यास ने की।
इस मौके पर आयोजित समारोह में प्रबंधक संचालक अशोक चोबे ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि गोकुल डेयरी जिले में निजी डेयरी में अकेली डेयरी है जो अपने दुग्ध उत्पादकों को राज्यसरकार के समकक्ष 5 रूपये प्रति लीटर की दर से अनुदान दे रही है। अब तक गोकुल डेयरी 1 अप्रेल से 31 दिसंबर 22 तक 3 करोड़ 43 लाख रू का अनुदान दे चुकी है। इस संबंध में शीघ्र ही मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जायेगा कि सहकारी संघ की तरह निजी डेयरी को भी अनुदान की राशि का पुर्नभरण सरकार करें ताकि दुग्ध उत्पादकों को लाभ मिल सके। उन्होंने गोकुल डेयरी की योजनाओं व दुग्धदाताओं के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी विस्तार से दी।
भारतीय डेयरी एसोसिएशन के राजस्थान चेप्टर के सचिव डॉ. करुण चंडालिया ने कहा कि गोकुल डेयरी भीलवाड़ा में आज के दौर में बेहतरीन कार्य कर रही है। उन्होंने डेयरी को उच्च क्वालिटी का बताते हुए कहा कि आज प्रतिस्पर्धा के दौर में मार्केट में टिका रहना बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि दुग्धदाताओं को दुग्ध का पूरा हिसाब किताब रखना होगा। पशुओं को पालने व दुग्ध प्राप्त करने के संपूर्ण मेनेजमेंट को सुधार कर फायदा बढ़ाया जा सकता है।
डॉ. करुण चंडालिया ने कहा कि दुग्ध प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन से किसानों को धन का सृजन हो सकता है और इस प्रकार उनकी जीवन शैली में सुधार हो सकता है। डेयरी उत्पादों के प्रसंस्करण से छोटे पैमाने के डेयरी उत्पादकों को कच्चा दूध बेचने की तुलना में अधिक नकद आय प्राप्त होती है और क्षेत्रीय और शहरी बाजारों तक पहुंचने के बेहतर अवसर मिलते हैं। दूध मानव आवश्यकता के लिए बहुत ही बुनियादी है। पूरे भारत में राजस्थान दुग्ध उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। दूध प्रसंस्करण के दो मुख्य उद्देश्य दूध की गुणवत्ता को बनाए रखना और कच्चे दूध में मौजूद सभी रोगजनक सूक्ष्म जीवों को मारना है। दूध का प्रसंस्करण आम तौर पर खाद्य श्रृंखला के अगले चरण में अपेक्षित उपयोग के साथ-साथ अपेक्षित शेल्फ लाइफ पर निर्भर करता है।
समारोह में डेयरी चेयरमैन सावित्री देवी व्यास, वेटेनरी चिकित्सक डा मोहन फडनवीज, देव नारायण पुजारी महादेव गुर्जर, पूर्व पंचायत समिति सदस्य महावीर मीणा, भंवरलाल बलाई, गणपत खटीक, नारायण जाट, राजकुमार शर्मा, महादेव जाट, घिसू खारीवाल, भैरूलाल शर्मा, गिरीराज पटवारी, कल्याण शर्मा देवकिशन शर्मा गोपाल सिंह मीणा शंकर लाल जाट भैरू लाल जाट आदि मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्लांट मैनेजर अमित व्यास ने दुग्धदाताओं के बीमा सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। ढीकोला सेंटर के हेमराज मीणा ने आभार प्रकट किया।

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