बच्चों को संस्कारवान बनाने की सही उम्र बचपन – साध्वी जी

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– बाल दिवस पर मानव विवेक आश्रम के तत्वाधान में बाल सभा का आयोजन
हनुमानगढ़। 
बच्चे ही भावी देश व समाज के निर्माता पंडित जवाहरलाल नेहरू के इस कथन को आत्मसात करने की प्रेरणा में सोमवार को लिटिल हार्ट पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल हनुमानगढ़ टाउन के प्रांगण में आयोजित बाल सभा में दी गई। कार्यक्रम में गंगानगर के मानव विवेक आश्रम की बाल संत सुश्री आरती विवेकी जी महाराज व मीरा विवेकी जी महाराज मुख्य वक्ता रहे। श्री मानव विवेक आश्रम के तत्वाधान में सोमवार को बाल दिवस के अवसर पर विद्यालय प्रांगण में बच्चों को संस्कारवान व नीतिवान बनाने के उद्देश्य से हुए बाल सभा का आयोजन किया गया। बाल सभा में बाल संतो द्वारा अपने प्रवचनों से बच्चों को जीवन जीने की कला सिखाई गई व उन्हें पाश्चात्य संस्कृति के साथ-साथ भारतीय संस्कृति को भी अपनाने पर बल दिया गया।

आरती विवेकी जी ने अपने ओजस्वी वाणी में बताया कि जन्मदिन पर हम केक काटते हैं केक काटना पाश्चात्य संस्कृति की देन है हमें इसके साथ-साथ अपने जन्मदिन पर पीड़ित मानव की सेवा वह गौ सेवा करनी चाहिए। साथ ही साथ बच्चों को नित्य अपने माता-पिता व गुरुजनों का पैर छूकर आशीर्वाद लेने की शपथ दिलवाई गई तथा अपने जीवन में पढ़ाई के साथ साथ अध्यात्म को भी उतारने पर बल दिया तो था किसी भी चीज को गहराई से समझने के लिए अपने समय को पूरी ऊर्जा में निष्ठा के साथ उस चीज पर लगाने हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय डायरेक्टर विकास गोयल ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में पंकज उप्पल, मनीष सिंगला, रीमा, आरती, रश्मि, हरप्रीत, रुबीन सहित समस्त स्टॉफ का सहयोग रहा।

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