पीएम के प्लेन से ज्यादा पावरफुल प्लेन चाहती है राजस्थान सरकार

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जयपुर: फरवरी, 2010 में केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार ने भारतीय वायुसेना के लिए ब्रिटेन की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से 3600 करोड़ रुपये में 12 एडब्ल्यू101 हेलिकॉप्टर खरीदने का सौदा किया था। जिसका विवाद अभी जारी है वहीं इसी बीच राजस्थान सरकार ने एक और विवाद खड़ा कर दिया।

खबर है कि सरकार अपनी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए ऐसा प्लेन चाहती है, जो सीधे यूरोप तक उड़ान भर सके और उसकी फ्लाइंग रेंज उन एग्जिक्युटिव जेट्स से अधिक हो, जिनका इस्तेमाल प्रधानमंत्री भारत में यात्रा के लिए करते हैं। इन शर्तों वाले टेंडर से एक और विवाद खड़ा हो सकता है।

इकनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार राजे सरकार ने पिछले साल के आखिर में लीज पर एग्जिक्युटिव जेट लेने के लिए एक और टेंडर दिया था। इसके लिए जो शर्तें रखी गई थीं, उस हिसाब से राज्य डोमेस्टिक ट्रैवल के लिए केंद्र सरकार के पास मौजूद हवाई जहाज से अधिक पावरफुल जेट चाहता था। प्रधानमंत्री इसके लिए एंब्रेयर जेट्स का इस्तेमाल करते हैं, जिनका रखरखाव भारतीय वायुसेना करती है।

राजस्थान सरकार के डायरेक्टरेट ऑफ सिविल एविएशन ने 28 नवंबर, 2016 को जारी एक टेंडर में लंबे समय के लिए मिड साइज एयरक्राफ्ट हायर करने में दिलचस्पी दिखाई थी। इसके लिए फ्लाइंग रेंज की जो सीमा दी गई थी, वह मुख्यमंत्री के लिए तय रूल्स से ज्यादा थी। सूत्रों ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर यह जानकारी दी है।

 

राजस्थान सरकार ने जैसे हवाई जहाज के लिए टेंडर दिया था, राज्य सरकार के वीआईपी आमतौर पर उनका इस्तेमाल नहीं करते हैं। मिसाल के लिए, राजे सरकार 3,200 नॉटिकल माइल रेंज वाला एयरक्राफ्ट चाहती थी, जबकि प्रधानमंत्री के एंब्रेयर जेट की रेंज भी इतनी नहीं है। यहां तक कि राजस्थान की राजधानी जयपुर से केरल की राजधानी कोच्चि की दूरी 2,300 नॉटिकल माइल ही है।

राजे सरकार जिस रेंज का हवाई जहाज चाहती थी, यह दूसरी उससे काफी कम है। राजे सरकार ने टेंडर में मिनिमम ऑपरेटिंग अल्टीट्यूड 41,000 फुट रखा था, जबकि दूसरे मुख्यमंत्री इससे कम अल्टीट्यूड वाले हवाई जहाज का इस्तेमाल करते हैं। टेंडर में यह भी लिखा था कि प्लेन 15 साल से अधिक पुराना नहीं होना चाहिए, वहीं वीआईपी ट्रैवल के लिए जो दूसरे प्लेन लिए जाते हैं, वे 5 साल से पुराने नहीं होते।