अपने ही शिष्य को सम्मानित करने का मौका मिले इससे अधिक गर्व की बात क्या होंगी:विनीत बिश्नोई

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हनुमानगढ़ जूड़ो के खिलाडी ओमप्रकाश ने इस वर्ष पास आउट कर जूड़ो कोच बन गये है।कोच बनने के बाद जिले के खिलाड़ियों व परिजनों मे ख़ुशी की लहर है।ओमप्रकाश के कोच बनने के बाद जिला जूड़ो संघ द्वारा ओमप्रकाश का संघ द्वारा सम्मान कार्यक्रम रखा गया इस मौके पर अतिथि डॉक्टर संदीप भाकर व डॉक्टर प्रियंका भाकर ने ओमप्रकाश को पगड़ी पहनाकर व दुशाला ओढ़ाकर सम्मानित किया व जूड़ो खिलाड़ियों ने बुक्के भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया।डॉक्टर भाकर ने कहा की वे लम्बे समय से जूड़ो संघ से जुड़े हुए है, और जूड़ो खिलाड़ियों व कोच विनीत बिश्नोई जिस तरह जूड़ो के प्रति समर्पित है काबिले तारीफ है।ओमप्रकाश ने बताया की जूड़ो कोच विनीत बिश्नोई के अथक प्रयासों व प्रेरणा से हमारे जिला जूड़ो संघ के खिलाड़ियों मे हूं और ये मेरे व मेरे परिवार के लिए ख़ुशी की बात तो है ही साथ ही जिले और संघ के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि व गर्व की बात है।

आजतक इससे पूर्व किसी एक खेल मे 6 कोच नहीं बने है।इससे पूर्व भी दर्जनों खिलाडी स्कॉलरशिप व सरकारी नोकरी मे लग चुके है।ओमप्रकाश ने बताया की उसका छोटा भाई भी स्पोर्ट्स कोटे से राजस्थान पुलिस मे लगा हुआ है। बता दे की ओमप्रकाश ने छप्ै स्वर्णिम गुजरात स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी देसार,गुजरात से पास आउट की है और ओमप्रकाश अब तक 5 बार राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिताओं में राजस्थान टीम का प्रतिनिधित्व कर चुका है 4 बार आल इंडिया यूनिवर्सिटी में यूनिवर्सटी टीम का प्रतिनिधित्व कर चुका है दो बार स्कूल नेशनल में राजस्थान टीम का प्रतिनिधित्व कर चुका है खेलो इंडिया गेम्स में उसने ब्रॉज मैडल जीता है,अब तक ओमप्रकाश ने 7 स्वर्ण पदक 4 रजत पदक वह 7 काँस्य पदक जीतकर हनुमानगढ़ व राजस्थान का नाम रोशन कर चुका है। जूड़ो कोच विनीत बिश्नोई ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा की अपने ही शिष्य को जब आपको सम्मानित करने का अवसर मिलता है तो ये वो स्वर्णिम पल होते है जिन्हे आप भूल नहीं सकते है. इस मौके पर जूड़ो के खिलाडी भी माजूद रहे।

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