हनुमानगढ़। अखिल भारतीय बिश्नोई युवा संगठन व सर्व समाज द्वारा मंगलवार को प्रधानमंत्री के नाम जिला कलैक्टर हनुमानगढ़ को ज्ञापन देकर लुप्तप्राय जीव हिरण व चीतल हिरणों को राजस्थान से कुन्नो अभायारण में ले जाकर चीतों से मरवाने से रोकने बाबत् ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि भारत सरकार द्वारा नाबिया से चीतो को लाकर कुल्ला नेशनल पार्क मध्यप्रदेश में छोड़े गये है। उनकी भोजन की व्यवस्था के लिये राजस्थान में लुप्तप्राय श्रेणी के जीव हिरण व चीतल हिरणों को सरकार द्वारा असंवेदनशील तरीके से भोले-भाले जानवरों को चीतों की बंद अभयारण में ले जाकर छोड़ा गया है, जिसके विरोध में सर्वसमाज एवं जीव प्रेमी घोर विरोध कर रहे है और श्रीमान् महोदय से निवेदन कर रहे है कि भोल-माले मुखप्राणीयों को हिसंक जानवरों को चीतो का शिकार न बनाया जावे। हिरण वन्य जीव अधिनियम के तहत एक सरक्षित वन्यजीव है, सरक्षित वन्य जीव को मौत के मुंह में धकेलना कानूनन अपराध भी है। हिरणों से बिश्नोई समाज व जसनाथ समाज व अन्य जीव प्रेमी समाज की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई है।
व दया पालणी रुख लीलो नहीं घावेंष् धार्मिक लोगों के द्वारा असंख्य बार शिकारियों के समक्ष अपनी शहादत देकर हिरणों को बचाया है; बिश्नोई समाज के द्वारा वृक्षों एवं जीवों के लिये अनेक बार अपना बलिदान दिया गया है. अपनी जान जोखिम में डालकर शिकारियों से हिरणों को बचाया है। जब पूरा बिश्नोई समाज प्रधानमंत्री के इस कृत्य की घोर निंदा करता है एवं जीवों के लिये आज भी बलिदान देने के लिये पूरा विश्नोई समाज तत्पर व तैयार है। अगर इस प्रकार राजस्थान से हिरणों का ले जाकर मध्यप्रदेश में छोड़ा गया था, तो सर्व समाज आंदोलन की राह अपनायेगा। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि राजस्थान से ले जाये गये चीतल हिरणों को वापिस राजस्थान में ही पहुचाया जाये, ताकि वन्य जीव संरक्षण बना रहे और लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे। इस मौके पर एडवोकेट रामकुमार बिश्नोई, विमलकीर्ति बिशेई, सुरेन्द्र सिहाग, अनिल बिश्नोई, ओम बिश्नोई, मोहनलाल यादव, विक्रम बिश्नोई मौजूद थे।
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