मस्जिद में धमाका, सबसे बड़े धर्मगुरुओं मुल्ला मुजीब सहित 14 लोग मारे गए, जानें पूरा मामला

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अफगानिस्तान के हेरात प्रांत (Afghanistan Herat Mosque Blast) में शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान बड़ा धमाका हुआ। इसमें तालिबान के सबसे बड़े धर्मगुरुओं में एक मुल्ला मुजीब उर रहमान अंसारी मारा गया। इस घटना के पीछे कौन है अब तक इसकी जानकारी नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाजाघर की मस्जिद में कुल 2 ब्लास्ट हुए। इस दौरान जुमे की नमाज चल रही थी। मुल्ला मुजीब ही इस मस्जिद का मुख्य इमाम था। धमाका उसके सामने वाली कतार में हुआ। माना जा रहा है कि यह फिदायीन हमला था और इसमें दो लोग शामिल थे।

दूसरा धमाका तब हुआ, जब लोग बाहर की तरफ भाग रहे थे। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुल्ला मुजीब चंद घंटे पहले हेरात में एक इकोनॉमिक कॉन्फ्रेंस में शिरकत के बाद सीधे मस्जिद पहुंचा था। इस बारे में उसके सेक्रेटरी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। वहीं पिछले महीने भी तालिबान का एक बड़े नेता मारा गया था। माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे ISIS के खुरासान ग्रुप का हाथ है। इस हमले में अबतक 14 लोगों के मारे जाने की जानकारी है।

औरतों के अधिकार का सख्त विरोधी
मुल्ला मुजीब को तालिबान के सबसे क्रूर नेताओं में से एक माना जाता था। वो लड़कियों की शिक्षा और उनके घर से निकलने का सख्त विरोधी था। करीब दो महीने पहले उसने एक फतवा जारी किया था। इसमें कहा गया था- अगर तालिबान शासन का कोई भी विरोध करता है या हुक्म नहीं मानता तो उसकी सजा सिर्फ यह होगी कि उसका सिर कलम कर दिया जाए। खास बात यह है कि इस फरमान या फतवे को तालिबान के ही प्रवक्ता ने मुजीब की निजी राय बताते हुए खारिज कर दिया था।

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