साल 2023 से दुनियाभर में नहीं बिकेगा जॉनसन बेबी पॉउडर, जानें किन कारणों से बंद हुई कंपनी

टैल्क से कैंसर के खतरे के आरोप लगते रहे हैं। दरअसल, जहां से टैल्क को माइन करके निकाला जाता है, वहीं से एस्बेस्टस भी निकलता है। एस्बेस्टस (अभ्रक) भी एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला सिलिकेट मिनरल है, लेकिन इसका एक अलग क्रिस्टल स्ट्रक्चर होता है।

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अमेरिका: जॉनसन एंड जॉनसन 2023 तक पूरी दुनिया में अपने बेबी टैल्कम पाउडर (Johnson & Johnson Baby Powder) को बेचना बंद कर देगी। दरअसल, बेबी पाउडर को लेकर दावे किए जाते रहे हैं कि इस से कैंसर होने का खतरा रहता है। कैंसर की आशंका वाली रिपोर्ट सामने आने के बाद प्रोडक्ट की बिक्री में भी भारी गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि कंपनी ने हमेशा इस पाउडर को सेफ बताया।

J&J ने गुरुवार को कहा कि ‘उसने अपने पोर्टफोलियो का असेसमेंट करने के बाद अपने सभी बेबी पाउडर प्रोडक्ट को टैल्कम पाउडर के बजाय कॉर्नस्टार्च का इस्तेमाल करके बनाने का कॉमर्शियल डिसीजन लिया है।’ J&J को उन हजारों मुकदमों का सामना करना पड़ा है जिसमें आरोप लगाया गया हैं कि उसके टैल्कम पाउडर में एस्बेस्टस है जिससे कैंसर होता है। बता दें, J&J का टैल्कम ​​​​​​पाउडर अमेरिका और कनाडा में सालभर पहले ही बंद हो चुका है। अब कंपनी टैल्क बेस्ड पाउडर की जगह कॉर्न स्टार्च बेस्ड पाउडर लाएगी।

1894 से बिक रहा है पाउडर
1894 से बेचा जा रहा जॉनसन बेबी पाउडर फैमिली फ्रेंडली होने की वजह से कंपनी का सिंबल प्रोडक्ट बन गया था। 1999 से कंपनी की इंटरनल बेबी प्रोडक्ट डिवीजन इसका मार्केटिंग रिप्रेजेंटेशन करती थी।

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क्या है कॉर्न स्टार्च बेस्ड पाउडर?
कॉर्नस्टार्च बेस्ड पाउडर में टैल्क नहीं होता है। कॉर्नस्टार्च एक मिनरल फ्री फूड सब्सटेंस है जो आमतौर पर किचन में पाया जाता है। टैल्क बेस्ड पाउडर की तरह, कॉर्नस्टार्च भी स्किन को ड्राय रखने में मदद करता है। कॉर्नस्टार्च बेस्ड पाउडर को एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी भी माना जाता है।

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क्या होता है पाउडर में डलने वाला टैल्क?
टैल्क एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला मिनरल है, जो पृथ्वी से निकाला जाता है। इसमें मैग्नीशियम, सिलिकॉन, ऑक्सीजन और हाइड्रोजन होता है। रासायनिक रूप से, टैल्क एक हाइड्रोस मैग्नीशियम सिलिकेट है। कॉस्मेटिक्स और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स में टैल्क का इस्तेमाल होता है। इसका इस्तेमाल नमी को सोखने के काम आता है।

टैल्क से कैंसर के खतरे के आरोप लगते रहे हैं। दरअसल, जहां से टैल्क को माइन करके निकाला जाता है, वहीं से एस्बेस्टस भी निकलता है। एस्बेस्टस (अभ्रक) भी एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला सिलिकेट मिनरल है, लेकिन इसका एक अलग क्रिस्टल स्ट्रक्चर होता है। ये शरीर को नुकसान पहुंचाता है। जब टैल्क की माइनिंग की जाती है तो उसमें एस्बेस्टस के भी मिलने का खतरा रहता है।

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