मातमी धुनों पर मोहर्रम का मुकाम उठा मुस्लिम समुदाय ने लगाएं हुसैन के नारों

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संवाददाता शाहपुरा। शाहपुरा भीलवाड़ा शाहपुरा कस्बे के कोठार मोहल्ले से मोहर्रम को बनाया गया और नमाज पढ़ने के साथ मुकाम उठाकर फुलिया गेट मोहर्रम के चबूतरे तक पहुंचा जानकारी के अनुसार शाहपुरा में मोहर्रम से 2 दिन पूर्व मोहर्रम का निर्माण किया जाता है जिसमें बांस और रंगीन कागज का इस्तेमाल होता है दक्ष कारीगरों द्वारा बनाया जाता है जो कि वर्षों से पीढ़ी दर पीढ़ी बनाते आ रहे हैं कोठार मोहल्ले से मोहर्रम को विधिवत इत्र फूल माला लोबान और अगरबत्ती लगा कर नमाज पढ़कर सैकड़ों मुस्लिम समुदाय के व्यक्तियों ने मोहर्रम को प्रशासन की निगरानी में नया बाजार सदर बाजार होते हुए पुलिया गेट मस्जिद के पास मोहर्रम के चबूतरे पर ले गए जिसे मोहर्रम के दिन कर्बला में सपोर्ट देखा किया जाएगा इससे पूर्व कोठार मोहल्ले में हुसैन की याद में निकाले जाने वाला मोहर्रम एवं मन्नति मोहर्र मतलवारबाजी करते हुए मातमी धुनों पर सैकड़ों मुस्लिम समुदाय के महिला-पुरुष शामिल हुए इस मौके पर मंसूरी समाज द्वारा परंपरा अनुसार मुस्लिम समुदाय को हलीम और छबील पेश किया।

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