मोहर्रम पर शाहपुरा के मंसूरी समाज द्वारा तैयार किया जाता है हलीम

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संवाददाता शाहपुरा। शाहपुरा भीलवाड़ा शाहपुरा कस्बे में मुस्लिम समुदाय के प्रथम महीने मोहर्रम मास में पिढीयो से परिपाटी अनुसार मंसूरी समाज द्वारा हलीम तैयार कर मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों व्यक्तियों को वितरित किया जाता है जानकारी के अनुसार शाहपुरा कस्बे के कोठार मोहल्ले वार्ड नंबर 23 में मंसूरी समाज के मुस्लिम समुदाय द्वारा मोहर्रम के 2 दिन पूर्व परिपाटी अनुसार कोठार मोहल्ले मैं विधिवत बॉस और कागज से मोहर्रम का निर्माण होने के पश्चात मोहर्रम को मुस्लिम समुदाय द्वारा विधिवत फुलिया गेट मोहर्रम के मुकाम पर रखा जाता है जिसमें सैकड़ों मुस्लिम समुदाय के कस्बे वासी इकट्ठा होते हैं तब मुस्लिम समुदाय मौसमी बीमारियों से दूर रहे इसके लिए विधिवत मंसूरी समाज के महिलाएं और दाल को साफ स्वच्छ करती है और पुरुष द्वारा लगभग 12 घंटे पूर्व हलीम का निर्माण किया जाता है हलीम में गेहूं जौ चना बाजरा चावल ज्वार मसुर अनाज दाल आदि के मिश्रण से बड़ी बड़ी डेको में बड़े खुरपे से लगभग 12 घंटे तक सभी सामानों को लकड़ी के इंधन की आंच पर पकाया जाता है और मुस्लिम समुदाय के व्यक्तियों को निरोगी व स्वस्थ रखने के लिए निर्माण और वितरित किया जाता है हलीम बनाने मेंअलादीन, अनारदीन, साबिर, सद्दीक, लाला, सलीम, रफीक, कयूम ,शफीक, फारुख, मकसूद ,इदरीश, शाहनवाज, अकरम ,अख्तर, रशीद, वसीम ,जावेद, कालू, बाबू, समीर ,शोएब, जाहिद, पप्पू , आदि मंसूरी खोखरा खानदान द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी परिपाटी अनुसार हलीम को पकाने का कार्य करते हैं।

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