जब से भारत ने पाकिस्तान को जवाब दिया तभी से सभी देशों की निगाहें भारत के अगले कदम पर टकी हुई हैं। टीवी चैनलों के अनुसार चीन को अंदेशा है कि फ्रांस से खरीदे जाने वाले परमाणु क्षमता युक्त राफेल लड़ाकू विमानों को भारत चीन एवं पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में तैनात करेगा ताकि वह अपनी निवारक क्षमता में इजाफा कर सके। गौरतलब है कि भारत फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदने की तैयारी में है। शेंजेन टेलीविजन के हवाले से सरकारी ग्लोबल टाइम्स ने खबर दी है कि भारत फ्रांस में बने लड़ाकू विमानों को पाकिस्तान और चीन से सटे विवादित इलाकों में तैनात करेगा।
अखबार के मुताबिक, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक है। एशियाई क्षेत्र में हथियारों का ज्यादा आयात मुख्य रूप से इसलिए है क्योंकि पश्चिम एशिया में सुरक्षा माहौल अस्थिर है और चीन के पड़ोसियों से चिंताएं बढ़ रही हैं। शेंजेन टेलीविजन की रिपोर्ट के मुताबिक, राफेल लड़ाकू विमान उड़ान भरने की स्थिति में परमाणु हथियारों से लैस होते हैं और इसका मतलब यह है कि भारत की परमाण्विक निवारक क्षमता में बहुत सुधार आएगा।
शंघाई इंस्टीट्यूट्स फॉर इंटरनेशनल स्टडीज में दक्षिण एशिया अध्ययन के निदेशक झाओ गेनचेंग ने कहा, ‘भारत राफेल की तकनीक भी खरीदना चाहता है लेकिन फ्रांस ने इससे इनकार कर दिया, जिसका मतलब यह है कि फ्रांस की ऐसी कोई मंशा नहीं है कि वह भारत की सैन्य औद्योगिक व्यवस्था को बढ़ावा देने में उसकी मदद करे।’ अखबार ने सिप्री की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि एक अनुमान के तौर पर भारत नई रक्षा प्रणालियों पर 100 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च कर अपनी सैन्य क्षमताएं तेजी से बढ़ा रहा है, जबकि रूस, अमेरिका और इस्राइल जैसे अत्याधुनिक सैन्य उद्योग वाले कई अन्य देश भी भारत के बाजार से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।