चीन की धमकियों के बीच ताइवान पहुंचीं अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी, जानें क्यों चर्चा में है पेलोसी की यात्रा

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विश्व डेस्क: अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्‍स की स्‍पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) की ताइवान (Taiwan) राजधानी ताईपेई पहुंच गईं। अमेरिकी नेवी और एयरफोर्स के 24 एडवांस्ड फाइटर जेट्स ने नैंसी के प्लेन को एस्कॉर्ट किया। पेलोसी की इस  यात्रा से चीन बिलबिला उठा है।

पेलोसी के ताइवान पहुंचने के बाद चीन ने फिर अमेरिका को धमकी दी। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, चीन ने कहा- हम टारगेटेड मिलिट्री एक्शन जरूर लेंगे। हालांकि, यह साफ नहीं किया गया कि चीन किन टारगेट पर सैन्य कार्रवाई की धमकी दे रहा है। इसके पहले अमेरिका, ताइवान और चीन तीनों ने अपनी फौजों को कॉम्बेट रेडी (जंग के लिए तैयार) रहने को कहा। तीनों देशों ने फौज के लिए हाईअलर्ट जारी कर दिया।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पेलोसी के दौरे के कई दिन पहले ही अमेरिका के कई सैनिक और मिलिट्री टेक्निकल एक्सपर्ट ताइवान पहुंच चुके हैं। मिलिट्री टर्मिनोलॉजी में इसे बूट ऑन ग्राउंड कहा जाता है। दरअसल, अमेरिका अब यह तय कर चुका है कि साउथ चाइना सी या ताइवान स्ट्रेट में चीन की दादागीरी पर लगाम कसनी ही होगी। अमेरिका ने अब तक यह साफ नहीं किया है कि उसके सैनिक ताइवान में मौजूद हैं या नहीं। पिछले हफ्ते जब पेंटागन के प्रवक्ता से इस बारे में सवाल किया गया था तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया था।

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पेलोसी ने ताइवानी संसद में दिया भाषण-
पेलोसी ने ताइवानी संसद को संबोधित कहा कि अमेरिका यथास्थिति के पक्ष में है मगर ताकत के जरिए ताइवान को कुछ होने नहीं देना चाहता। पेलोसी की बॉडी-लैंग्‍वेज बेहद असर्टिव और अग्रेसिव रही है। ताइवानी राष्‍ट्रपति साई इंग-वेन से पेलोसी ने एल्‍बो बंप किया। चीन की बात करते वक्‍त बार-बार वह मुट्ठी भींच रही थीं। पेलोसी की भाषण के दौरान आई आक्रामक तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं।

क्या है चीन और ताइवान विवाद-
चीन वन-चाइना पॉलिसी के तहत ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश की तरह देखता है। चीन का लक्ष्‍य ताइवान को उनकी राजनीतिक मांग के आगे झुकने और चीन के कब्‍जे को मानने के लिए ताइवान को मज‍बूर करने का रहा है।

इधर, अमेरिका भी वन चाइना पॉलिसी को मानता है, लेकिन ताइवान पर चीन का कब्जा नहीं देख सकता। बाइडेन ने 2 महीने पहले कहा था- हम वन चाइना पॉलिसी पर राजी हुए, हमने उस पर साइन किया, लेकिन यह सोचना गलत है कि ताइवान को बल के प्रयोग से छीना जा सकता है। चीन का ये कदम न केवल गलत होगा, बल्कि यह पूरे क्षेत्र को एक तरह की नई जंग में झोंक देगा।

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चीन विदेश मंत्री ने दी धमकी-
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को फिर अमेरिका को धमकी दी। कहा- वो अमेरिकी जो पेलोसी की विजिट पर सियासत कर रहे हैं। वो आग से खेल रहे हैं। उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। इसका अंजाम अच्छा नहीं होगा।

चीनी मीडिया में क्या चल रहा है?
वहीं ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआत में कुछ झिझक दिखाने के बाद अब जो बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन ने चीन से सीधे निपटने के लिए तैयारी कर ली है। पेलोसी के एयरक्राफ्ट को रोकने की हिम्मत चीन नहीं कर पाया। कुछ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चीन ने सिर्फ धमकी दी थी। वो ऐसी कोई हिमाकत नहीं करेगा जिससे अमेरिका से सीधा टकराव तय हो जाए। इसकी वजह यह है कि इस क्षेत्र में अब अमेरिका भी बेहद ताकतवर हो चुका है।

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