हनुमानगढ़। भारतीय ट्रेड यूनियन सीटू द्वारा बुधवार को मुख्यमंत्री के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर राजस्थान रोडवेज प्रबंधन द्वारा डिपो प्रबन्धकों की मनमानी अफसरशाही भ्रष्ट गतिविधियों तथा हमारे सीटू यूनियन के पांच कार्यकर्ताओं के गैरकानूनी निलम्बन और उनके मुख्यालय तक बदले जाने तथा वार्ता के लिए बुलाने के बद दूसरे दिन पुलिस में एफआईआर करवाने सहित कर्मचारी संगठनों के कार्यकर्ताओं पर दमनकारी एवं मजदूर विरोधी कार्यवाहीयों के विरोध में सीटू द्वारा राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाये जाने के संबंध में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि सीटू संगठन से सम्बद्ध राजस्थान रोडवेज वर्कर्स यूनियन की ओर से आपको मुख्य प्रबंधक अनूपगढ़ डिपो तथा मुख्य प्रबंधक सीकर आगार द्वारा अपनायी जा रही दमनकारी एवं श्रम विरोधी नीतियों के बारे में बताते हुए कहा कि सीटू संगठन से सम्बद्ध राजस्थान रोडवेज वर्कर्स यूनियन (सीटू) एवं उसकी आगार ईकाईयों के नेतृत्व में हमेशा रोडवेज प्रबन्धक की गलत नितीयों एवं कुप्रबंधन नीतियों तथा व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ निडर होकर आवाज उठाई गई है।
इसी वजह से अनूपगढ़ डिपो एवं सीकर डिपो के मुख्य प्रबन्धकों द्वारा हमारे संगठन के प्रमुख नेतृत्व के प्रमुख नेतृत्वकारी कार्यकर्ताओं के विरूद्ध दमन एवं द्वेषता की भावना से प्रेरित होकर पक्षपातपूर्ण कार्यवाहीयां की जा रही है जो औधोगिक विवाद अधिनियम 1947 के अध्याय 5 में उल्लेखित श्रम आचार संहिता का घोर उलंघन है और एक दंडनीय अपराध है। लेकिन यह अत्यंत गंभीर एवं खेदजनक है कि रोडवेज अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक से अग्रिम समय लेकर जब हमारी रोडवेज यूनियन के प्रदेश महामंत्री यूनियन प्रदेश पदाधिकारीयों के साथ दिनांक 16.06.2022 को मिलने गये तो उन्होंने 5 बजे मिलने के लिए कहा गया। बाद में उनके निजी सचिव ने कहा कि साहब यूनियन वालों मिलने के लिए मना कर रखा है। इसलिए आप निजी तौर पर साहब से मिल सकते हैं। इसके बाद जब यूनियन महामंत्री का किशन सिंह राठौड़ ने व्यक्तिगत रूप से मिलने का अनुरोध भिजवाया तब भी चैयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ने मिलने से मना कर दिया। सीकर आगार में हमारी यूनियन के द्वारा आगार मुख्य प्रबंधक की हमारी यूनियन के कार्यकर्ताओं के प्रति द्वेषता की भावना से दमनकारी रूख अपनाते हुए अभी दिनांक 20. 06.2022 को हमारी यूनियन के पांच कार्यकर्ताओं के प्रति द्वेषता की भावना से दमनकारी रूख अपनाते हुए अभी दिनांक 20.06.2022 को हमारी यूनियन के पांच कार्यकर्ताओं को अकारण बिना किसी नोटिस एंव आरोप पत्रों के सेवा से निलम्बित कर दिया है। तथा जानबूझकर उनका हेडक्वाटर निम्न आगारों में भी बदल दिया गया है।
सांवरमल यादव (परिचालक) सीकर आगार से बीकानेर आगार, झावर (परिचालक) सीकर आगार से हिंडौन आगार, महावीर पारिक (परिचालक) सीकर नियमों एंव प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्तों के अनुसार कर्मचारी की इच्छा के बिना उसका हैडक्वार्टर बदला नहीं जा सकता तथा निलम्बित श्रमिक बिना सूचना दिए हैडक्वार्टर से बाहर नहीं जा सकता। सीकर आगार प्रबंधक की उक्त कार्यवाही सरासर अनुचित एवं नियम विरूद्ध तथा एक श्रम विरोधी आचरण है जो औधोगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 16-17 का खुला उलंघन है और श्रम कानूनों के अर्न्तगत एक दंडनीय अपराध भी है। खेद एवं आश्चर्य का विषय तो यह है कि इन डिपो प्रबन्धकों की अनुचित दमनकारी एव मजदूर विरोधी नीतियों को रोडवेज के अध्यक्ष, प्रबन्ध निदेशक का पूर्ण संरक्षण प्राप्त है। एम.डी. महोदय के प्रतिनिधि मंडल से मिलने तक से इंकार कर दिया। हमारे सीटू संगठन ने अस्वस्थ्य चल रहे परिवहन मंत्री को भी अपनी समस्याओं को लेकर अवगत कराया है। आज 20 जुलाई 2022 को पूरे प्रदेश में सीटू राज्य कमेटी के आव्हान पर जिला कलेक्टर कार्यालयों पर प्रदर्शन कर उनके माध्यम से यह ज्ञापन आपको भेजे जा रहे हैं। प्रतिनिधि मंडल मांग करता है कि अनूपगढ़ एवं सीकर डिपो सहित सभी आगारों में मुख्य प्रबंधकों की आगार को घाटा पहुंचाने वाली आर्थिक अनियमितताओं की गहराई से निष्पक्ष जांच की जाए तथा पक्षपातपूर्ण नीतियों पर रोक लगायी जाए।, सीकर डिपो मुख्य प्रबंधक की दमनकारी कार्यवाही हमारी यूनियनें प्रमुख पदाधिकारीयों को लिम्बन कर उनका मुख्यालय बदलने के गैरकानूनी आदेशों को तत्काल वापस लिया गया।
नेतृत्वकारी साथियों के विरूद्ध लिखाई गई एफआईआर वापस ली जाए। सीटू ने ज्ञापन देकर मांग की है कि मुख्यमंत्री अपने स्तर पर हस्तक्षेप करते हुए रोडवेज जैसे संवेदनशील उद्योग में अच्छे श्रमिक संबंधों तथा औधोगिक शांति के हित में दोषी रोडवेज अधिकारीयों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करें ताकि औद्योगिक अशांति का निर्माण ना हो। इस मौके पर सीटू जिला महासचिव शेर सिंह शाक्य कॉमरेड रघुवीर सिंह वर्मा मक्कासर सरपंच कॉमरेड बलदेव सिंह सोशल मीडिया प्रभारी कॉमरेड आमिर खान कॉमरेड मुकद्दर अली मौजूद थे।
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