वाशिंगटन: loc पर कारवाई के बाद pak बौखलाया है जिसके जवाब में पाक ने भारत पर परमाणु हमले की बात कह डाली। जिसके बाद अमेरिका ने धमकियों पर कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय ने एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमने इसके बारे में (परमाणु हमले की धमकी पर अमेरिका की आपत्ति) उन्हें (पाकिस्तान को) स्पष्ट कर दिया गया है। हमने बार बार ऐसा किया है।’
अधिकारी ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर यह जानकारी दी, हालांकि उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया कि पाकिस्तान को यह संदेश किस स्तर पर भेजा गया है। पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने पिछले 15 दिनों में दो बार यह कहा है कि उनका देश भारत के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। अधिकारी से जब आसिफ के इस बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘यह बहुत चिंताजनक है। यह गंभीर बात है।’
आसिफ ने अपने ताजा इंटरव्यू में एक पाकिस्तानी समाचार चैनल से कहा, ‘अगर भारत हमसे युद्ध करने की कोशिश करता है तो हम उसे नष्ट कर देंगे। पाकिस्तान की सेना भारत के किसी भी दुस्साहस का उत्तर देने के लिए तैयार है।’ उन्होंने कहा था, ‘हमने परमाणु हथियार दिखाने के लिए नहीं रखे हैं। अगर ऐसी स्थिति पैदा होती है तो हम इसका (परमाणु हथियारों) इस्तेमाल करेंगे और भारत को नष्ट कर देंगे।’
वहीं अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान से अपील की कि वे उरी आतंकवादी हमले के बाद बढ़े तनाव को कम करने के लिए कदम उठाएं। विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इसके साथ ही हमने यह बिल्कुल स्पष्ट किया है कि भारतीय सैन्य अड्डे (उरी) पर जो हुआ वह आतंकवादी कृत्य था।’ विभाग के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि ‘सभी जानते हैं’ कि उरी हमले को अंजाम देने वाले कहां से आए थे।
टोनर ने अपने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका स्थिति पर बहुत निकटता से नजर रखे हुए था। उन्होंने कहा, ‘हमारे दृष्टिकोण से हम दोनों पक्षों से शांति और संयम की अपील करते हैं। हम समझते हैं कि पाकिस्तानी एवं भारतीय सेनाएं के बीच संवाद जारी है और हमारा मानना है कि उनके बीच जारी संवाद तनाव कम करने के लिए महत्वपूर्ण है।’
टोनर ने कहा, ‘मेरा मानना है कि हम निश्चित रूप से तनाव बढ़ते हुये और संवाद में किसी प्रकार की रकावट नहीं देखना चाहते। हमने क्षेत्र में सीमा पार से पैदा हो रहे आतंकवाद के खतरे को लेकर बार-बार और लगातार चिंता व्यक्त की है और निश्चित रूप से इन हालिया हमलों में उरी का हमला भी शामिल है।’ उन्होंने कहा, ‘हम लश्कर ए तैयबा, हक्कानी नेटवर्क और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकवादी समूहों से निपटने और उन्हें अवैध घोषित करने की अपील लगातार करते रहे हैं।’