ग्रामीणों का आरोप – बिना नक्शे के प्रशासन कर रहा है पैमाईश, शांती व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयास

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हनुमानगढ़। हड्डा रोड़ी हटाओ संघर्ष समिति कोहला द्वरा हड्डारोड़ी के विरोध में चल रहा बेमियादी धरना 21 वें दिन जारी रहा। ग्रामीणों ने प्रशासन पर घटिया मानसिकता का आरोप लगाते हुए कहा कि ग्रामीण गांधीवादी तरीके से अपना आन्दोलन कर रहे है परन्तु प्रशासन अपनी घटिया मानसिकता का प्रदर्शन करते हुए ग्रामीणों के आशियाने तोड़ने का भय बना रहा है। संघर्ष समिति के संरक्षक लीलाधर शर्मा ने कहा कि प्रशासन कितनी भी घटिया मानसिकता का प्रदर्शन करते हुए कितनी भी साजिशे कर ले परन्तु ग्रामीण न तो हड्डारोड़ी गांव में बनने देगे और न ही कोई आशियाना टुटने देगे। उन्होने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिना किसी अप्रुड़ नक्शे के पैमाईश के नाम पर ग्रामीणों को डाराने और अतिक्रमण चिन्हित करने की कार्यवाही कर रहाहै। उन्होने कहा कि प्रशासन ने जो पैमाईश करनी है कर ले परन्तु किसी भी घर पर लाल निशान लगाने की प्रक्रिया को बंद नही करता है तो स्थिति बिगड़ेगी। ग्रामीणों का आक्रोश दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। सोमवार को घरने पर सैकड़ों की तादाद में महिला और पुरुष में धरना दिया। ग्रामीणों का धरना चल रहा है उधर जिला प्रशासन द्वारा गांव में अतिक्रमण के नाम पर लोगों में दहशत फैलाई जा रही है घरों पर लाल निशान लगाकर धरना को स्थगित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि धरना विफल हो जाए लोग अपने घरों को बचाने में लगे। संघर्ष समिति द्वारा गांव में पहुंची पंचायत समिति की टीम से यह पूछा गया कि आप किस आधार पर गांव में पैमाइश कर रहे हो तो उन्होंने लेआउट प्लान दिखा कर कहा इस आधार पर ।

ग्रामवासियों ने कहा यह पूर्ण नक्शा नहीं है । इससे पूर्व बनी कमेटी ने 2016 में बनी कमेटी ने गांव कॉलोनी मौका स्थल जांच रिपोर्ट में कहा कि गांव के लेआउट प्लान में आरक्षित सार्वजनिक प्रयोजन के स्थानों पर वर्तमान में अधिकांश लगभग स्थलों पर आबादी बढ़ चुकी है ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड में उपलब्ध लेआउट प्लान में सड़कों सार्वजनिक स्थलों तथा अन्य भूखंडों के स्पष्ट नाम नहीं होने के कारण केवल मात्र पैमाने के आधार पर ही सूक्ष्म स्तर पर सही पैमाइश किया जाना संभव नहीं है यह रिपोर्ट 2016 में बनी कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में सोपी ,इस का जबाब जब विकास अधिकारी यशपाल असीजा से मांगा तो विकास अधिकारी के पास कोई जबाब नही होने के कारण चुप चाप वहां से निकल गये। ग्रामीणों ने विकास अधिकारी को चेतावनी पत्र देते हुए कहा कि बिना किसी नक्शे और रिकॉर्ड के ग्राम वासियों को डराने के लिए अतिक्रमण चिन्हित करने की कार्यवाही तुरंत रोके अन्यथा पंचायत समिति के विरूद्ध मोर्चा खोलकर आन्दोलन किया जायेगा। इस मौके पर पवन राबिया, सत्यानारायण मायल, बृजलाल, शक्ति सोनी, कालुराम छिम्पा, भागीरथ भाटी, पालाराम भाटी, महेन्द्र, रामप्रताप भाटी, विक्की सुथार, मुकेश शर्मा, अनकोरी देवी, अंजु छिम्पा, माया देवी, बंजु, साहबराम, इन्द्र देवी, मीरा बाई, शांती देवी, बिंद्रों देवी, रोशनी देवी, भूरी देवी, सुरजा देवी, सरोज देवी, मामकोरी व अन्य ग्रामीण मौजूद थे।

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