रेपो रेट बढ़ने से महंगे हुए लोन, जानें अब 20 साल वाले 10 लाख के होम लोन पर कितनी देनी होगी EMI

आने वाले दिनों में क्रेडिट कार्ड को भी UPI से लिंक किया जा सकेगा। इससे ट्रांजैक्शन करना ज्यादा आसान हो जाएगा। RBI ने बुधवार को इसका ऐलान किया। इसकी शुरुआत रुपे (Rupay) क्रेडिट कार्ड से होगी।

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बिजनेस डेस्क: RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्याज दरों पर लिए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा रेपो रेट में 0.50% इजाफा किया गया है। इससे रेपो रेट 4.40% से बढ़कर 4.90% हो गई है। यानी होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा होने वाला है और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी। बता दें कि इससे पहले 4 मई को आरबीआई गवर्नर ने अर्थव्यवस्था में क्रेडिट फ्लो को नियंत्रित करने के लिए पालिसी रेपो रेट 40 बेसिस पॉइंट बढाकर 4.40% करने का ऐलान किया था।

केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दुनिया भर के देशों में आर्थिक व्यवस्था में कमजोरी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने दृढ़ता दिखाई है। उन्होंने कहा कि रेपो दर अब भी महामारी-पूर्व के स्तर से नीचे है, शहरी मांग सुधर रही है और ग्रामीण मांग में भी धीरे-धीरे सुधार आ रहा है।

इसके अलावा, कुछ अन्य घोषणाएं करते हुए आरबीआई ने ग्रामीण सहकारी बैंकों को वाणिज्यिक रियल एस्टेट को कर्ज देने की मंजूरी दे दी है। साथ ही अब शहरी सहकारी बैंकों को घरों तक बैंक से जुड़ी सुविधाएं देने की अनुमति भी दी गई है।

20 साल वाले 10 लाख के होम लोन पर कितनी देनी होगी EMI
मान लीजिए सुरेश नाम के एक व्यक्ति ने 6.5% के रेट पर 20 साल के लिए 10 लाख रुपए का होम लोन लिया है। उसकी लोन की EMI 7,456 रुपए है। 20 साल में उसे इस दर से 7,89,376 रुपए का ब्याज देना होगा। यानी, उसे 10 लाख के बदले कुल 17,89,376 रुपए चुकाने होंगे।

सुरेश के लोन लेने के एक महीने बाद RBI रेपो रेट में 0.50% का इजाफा कर देता है। इस कारण बैंक भी 0.50% ब्याज दर बढ़ा देते हैं। अब जब सुरेश के एक दोस्त को उसी बैंक में लोन लेने के लिए जाता है तो बैंक उसे 6.5% की जगह 7% रेट ऑफ इंटरेस्ट ऑफर करता है।

सुरेश का दोस्त भी 10 लाख रुपए का ही लोन 20 सालों के लिए लेता है, लेकिन उसकी EMI 7753 रुपए की बनती है। यानी सुरेश की EMI से 297 रुपए ज्यादा। इस वजह से सुरेश के दोस्त को 20 सालों में कुल 18,60,717 रुपए चुकाने होंगे। ये सुरेश की रकम से 71 हजार ज्यादा है।

RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की इमरजेंसी मीटिंग ऐसे समय में हुई है जब रूस-यूक्रेन जंग के कारण कच्चे तेल से लेकर मेटल प्राइस में भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। ऐसे में पूरी दुनिया में महंगाई बड़ी समस्या बनी हुई है। मई में जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित रिटेल महंगाई दर अप्रैल में बढ़कर 7.79% हो गई थी। ये महंगाई का 8 साल का पीक था।

UPI से लिंक हो सकेंगे क्रेडिट कार्ड
आने वाले दिनों में क्रेडिट कार्ड को भी UPI से लिंक किया जा सकेगा। इससे ट्रांजैक्शन करना ज्यादा आसान हो जाएगा। RBI ने बुधवार को इसका ऐलान किया। इसकी शुरुआत रुपे (Rupay) क्रेडिट कार्ड से होगी। अभी यूपीआई यूजर्स को केवल डेबिट कार्ड और सेविंग/करंट अकाउंट ऐड कर ट्रांजैक्शन की सुविधा मिलती है। क्रेडिट कार्ड को UPI से जोड़ने के लिए NPCI को इससे जुड़े निर्देश जारी किए जाएंगे।

समझें रेपो रेट और EMI क्या हैं
रेपो रेट वो दर होती है जिस पर RBI से बैंकों को कर्ज मिलता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते है जिस दर पर बैंकों को RBI पैसा रखने पर ब्याज देती है। जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंक भी ज्यादातर समय ब्याज दरों को कम करते हैं। यानी ग्राहकों को दिए जाने वाले लोन की ब्याज दरें कम होती हैं, साथ ही EMI भी घटती है। इसी तरह जब रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है, तो ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण ग्राहक के लिए कर्ज महंगा हो जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कॉमर्शियल बैंक को केंद्रीय बैंक से उच्च कीमतों पर पैसा मिलता है, जो उन्हें दरों को बढ़ाने के लिए मजबूर करता है।

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