VPN कंपनियां भारत को कह रहीं अलविदा, सरकार के नए नियम से हैं परेशान

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vpn shutdown in India

वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) सर्विस देने वाली कंपनी Surfshark ने कहा है कि वह भी भारत छोड़ रही है। Surfshark ने भी वीपीएन को लेकर सरकार के नए नियमों पर नाराजगी जाहिर की है। इससे पहले पिछले सप्ताह ExpressVPN ने भारत में अपनी सेवाएं बंद करने की घोषणा की है।

दरअसल VPN को लेकर भारत सरकार ने अपने एक फैसले में कहा है कि VPN कंपनियों को यूजर्स का डाटा पांच सालों तक सुरक्षित रखना होगा और जरूरत पड़ने पर अधिकारियों को देना होगा। सरकार के इस फैसले पर प्रमुख VPN कंपनियों ने आपत्ति जताई है। NordVPN जैसी कंपनियों ने पहले ही कहा था कि यदि सरकार अपने फैसले नहीं बदलती है या कोई दूसरा विकल्प नहीं देती है तो उन्हें भारतीय बाजार से अपना बिजनेस समेटने पर मजबूर होना पड़ेगा।

बंद होगा कंपनी का सर्वर

Surfshark ने अपने एक बयान में कहा है कि नए कानून के लागू होने से पहले वह अपने भारतीय सर्वर को बंद कर देगी। कंपनी ने यह भी कहा है कि वह फिजिकल सर्वर के बजाय वर्चुअल सर्वर का इस्तेमाल करेगी जिसका फिजिकल सर्वर लंदन और सिंगापुर में होगा। वर्चुअल सर्वर के साथ यूजर्स को भारतीय IP एड्रेस मिलेगा। इससे पहले ExpressVPN ने भी इसी तरह का बयान दिया था। दोनों कंपनियों ने अपने ग्राहकों से यह भी कहा है कि भारतीय यूजर्स को परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वर्चुअल सर्वर से उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। उनका एक्सपेरियंस पहले जैसा ही रहेगाा। वीपीएन कंपनियों ने यह भी कहा है कि उनका भारत छोड़ना आईटी सेक्टर के लिए अच्छा नहीं है।

VPN सर्विस ना होने से खतरे में प्राइवेसी
Surfshark ने एक डाटा का हवाला देते हुए कहा कि VPN सर्विस के ना होने से यूजर्स की प्राइवेसी खतरे में पड़ जाएगी। साल 2004 में 14.9 बिलियन अकाउंट का डाटा लीक हुआ था जिनमें 254.9 मिलियन केवल भारतीय यूजर्स के ही अकाउंट थे। ऐसे में VPN सर्विस पर इस तरह का अंकुश लगाना उचित नहीं है।