रिपोर्ट का दावा- आपका बच्चा भी खेलता है ‘हिंसक वीडियो गेम’, तो ले सकता है किसी की भी जान !

इस घटना के बाद एकबार फिर से अमेरिका में हिंसक वीडियो गेम चर्चा में आ गए हैं। कई रिपोर्ट का दावा है कि हिंसक गेम खेलने के कारण 60% बच्चे तुरंत गन चलाना चाहते थे।

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विश्व डेस्क: अमेरिकी के टेक्सास में मंगलवार को रॉब एलिमेंट्री स्कूल में 18 वर्षीय युवक ने 19 स्टूडेंट और 2 टीचर की अंधाधुंध फायरिंग करके जान ले ली है। बताया जा रहा है कि स्कूल में फायरिंग करने से पहले हमलावर ने अपनी दादी को भी गोली मारकर हत्या कर दी थी।

इस घटना के बाद एकबार फिर से अमेरिका में हिंसक वीडियो गेम चर्चा में आ गए हैं। कई रिपोर्ट का दावा है कि हिंसक गेम खेलने के कारण 60% बच्चे तुरंत गन चलाना चाहते थे। JAMA नेटवर्क ओपन की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इसमें रिसर्चर्स ने 200 से ज्यादा बच्चों में से 50% को नॉन वायलेंट वीडियो गेम और कुछ को गन वायलेंस वाले वीडियो गेम खेलने को दिए गए। इसके कुछ देर बाद ही देखा गया कि वायलेंस गेम खेलने वाले 60% बच्चों ने तुरंत गन को पकड़ा, जबकि नॉन वायलेंट गेम खेलने वाले सिर्फ 44% बच्चों ने गन को पकड़ा।

रिसर्च के को ऑथर औार ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में कम्युनिकेशन के प्रोफेसर कहते हैं कि नई फाइंडिंग से हम सबको सीखना चाहिए। खासकर गन ओनर्स को अपनी गन और सुरक्षित तरीके से रखनी चाहिए। साथ ही पेरेंट्स को अपने बच्चों को हिंसक वीडियो गेम से बचाना चाहिए।

अमेरिकी साइकोलॉजिकल एसोसिएशन और अमेरिकी एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक सलाह दे चुके हैं कि बच्चों और किशोरों को हिंसक वीडियो गेम नहीं खेलना चाहिए। 2019 में अमेरिकी राष्ट्रपति रहे डोनाल्ड ट्रंप ने भी गोलीबारी की घटना को नफरत और हिंसक वीडियो गेम से जोड़ा था।

हिंसक वीडियो गेम से हुई अबतक सबसे बड़ी घटनाएं
-2012 : कनेक्टिकट स्कूल में गोलीबारी करने वाला स्कूल शूटिंग गेम खेलता था।
– 2009 : जर्मनी में गोलीबारी करने वाला भी वीडियो गेम का शौकीन था।
– 2018:  कैलिफोर्निया के एक बार में 12 लोगों की जाने लेने वाले डेविड लोंग के बारे में माना जाता है कि उसे मानिसक तनाव की समस्या थी।
– 2018: ओहायो की बार में 9 लोगों की जान लेने वाले कोनॉर बेट्स में भी हाईस्कूल में पढ़ने के दौरान कुछ खतरनाक प्रवृत्तियां नजर आई थीं।
-2017:में लास वेगस के एक कंसर्ट पर गोलीबारी कर 58 लोगों की जान ले ली थी।

हालांकि रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया है कि जितना बच्चों को अपराध की तरफ ये हिंसक गेम लेकर जा रहे हैं उतना ही उनमें पैदा होने वाला मानसिक तनाव भी है।

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