हनुमानगढ़। ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार एवं राज्य सरकार के अधीन एवं भारतीय स्टेट बैक द्वारा प्रायोजित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान हनुमानगढ़ में आज वूमेन्स टेलर प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक सी.एस. परमार ने की। समापन कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित कर की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्थान निदेशक सी.एस. परमार ने प्रशिक्षार्थियों को टेलरिंग के व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिये किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, उसकी विस्तार से जानकारी देते हुए प्रशिक्षार्थियों के बैक संबंधी प्रश्नों व समस्याओं का निस्तारण किया। उन्होने बताया कि आरसेटी का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण परिवेक्ष की जरूरतमंद महिलाओं को साक्षर कर उनकी कला को सही मागदर्शन देना जिससे वह स्वयं अपना स्वरोजगार कमाकर अपना व अपने परिवार का पालन पोषण कर सके। आरसेटी निदेशक सीएस परमार ने बताया कि 21 महिलाओं को प्रशिक्षिका मनप्रीत कौर द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के समापन पर महिलाओं का नैसर बैगलोर के डॉमिन एस्सेसर द्वारा परीक्षा भी ली गई जिसके पश्चात महिलाओं द्वारा तैयार की गई अलग अलग ड्रैस की प्रदर्शनी लगाई गई। प्रशिक्षण के सामपन पर संस्थान निदेशक सीएस परमार ने प्रशिक्षार्थियों को टेलरिंग के व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिये किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, उसकी विस्तार से जानकारी देते हुए प्रशिक्षार्थियों के बैक संबंधी प्रश्नों व समस्याओं का निस्तारण किया। उन्होने बताया कि सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंद परिवार को आजीविका बढाने हेतु कई योजनाएं शुरू की गई है जिनमें उन्नती परियोजना प्रमुख है। राजीविका नरेगा श्रमिकों को इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने में एसबीआई आरसेटी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होने महिलाओं द्वारा कौशल प्रशिक्षण वूमेन्स टेलर के उपरांत आर्थिक और सामाजिक उन्नती के स्वयं का रोजगार शुरू करने का आह्वान किया, जिससे उन्हे एक बेहतर जीवन मिल सके एवं मजदूरी करने की आवश्यकता नही पड़े।
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