देर रात तक चला घाटी के बालाजी का कविसम्मेलन

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संवाददाता शाहपुरा। घाटी के बालाजी, बनेड़ा में चल रहे 15 दिवसीय हनुमान प्राकट्य उत्सव के कार्यक्रमों की श्रृंखला में कविसम्मेलन ‘एक शाम ठहाको के नाम’ कार्यक्रम आयोजित हुआ जो श्रोताओं की उपस्थिति में देर रात तक चला। कवि सम्मेलन से पूर्व घाटी के बालाजी ट्रस्ट के संरक्षक देवादास जी महाराज का आशीवर्चन मिला। सर्व प्रथम गुलाबपुरा से आए गीतकार रामू रंगीला ने माँ शारदे की वंदना की। उसके पश्चात प्रथम कवि के रूप में केकड़ी से आए कमलेश शर्मा ने श्रोताओं को भरपूर हंसाया एवं मनोरंजन किया। उन्होंने अपने काव्य पाठ में हास्य कविता कोरोना सूं जन जीव को घणों नाश होग्यो पर पांचू लाल पांच सा सू फैल हो रैवो हो वो बिना परीक्षा ही पास होग्यो। पैरोडीकार संजीव सजल जब हम बूढ़े होंगे, खटिया पे पड़े होंगे फिर बस दवाई पर पैसे बर्बाद करेंगे जवानी याद करेंगे। सुनाकर श्रोताओं की भरपूर दाद पाई। अवध में राम आए हैं, चलो सत्कार चलते हैं, सभी संग मिलकर सीताराम का जयकार करते हैं। संचालन कर रहे अनिल व्यास ने भगवान हास्य व्यंग्य की कविताओं एवं चुटकलों से गुदगुदाने के पश्चात घाटी के बालाजी मंदिर प्रांगण में श्री कृष्ण का छनद रात को रति को रोक राजा रणछोड़ जी ने राधा संग रमणीय रास रचवायो है, काल को कुटिल रूप कान्हा को काटन आयो कृष्ण ने कल्याण कर कालियो नचायो हैं। सुनाकर सभी श्रोताओं की भरभूर तालियां बटोरी। अंतिम कवि के रूप में कार्यक्रम के सूत्रधार हास्य कवि दिनेश बंटी ने हास्य व्यंग्य की चुटिल बातों से हंसाते हुए बैण्ड बाजे वालों की पीड़ाओं पर हास्य कविता हालांकि ई दुनिया म सब एक दूसरां को बाजा रिया है बाजो मगर हे भगवान अगला जनम म बैण्ड बाजा वाळों मत बणाजो। सबसूं पहली तो यो दुख बळे कि भरी गर्मी म भी म्हाना सूट पहणों पड़े तथा श्रोताओं की मांग पर मरणोपरान्त परिजनों को सांत्वना देने वाली हास्य रचना उठावना पर खूब जमकर हंसाया तथा कोरोना पर प्रशासनिक पाबंदियों की बीच होने वाली शादी -ब्याह मेजबान की पीड़ा पर पैरोडी ‘भेज रहे हैं कार्ड तुम्हे पर आना नहीं कसम तुम्हे हाथ जोड़ के, ओ मेरे रिश्तेदारां वादां निभाना, कसम है तुम्हे की कहीं आ मत जाना। सुनाकर श्रोताओं को ठहाकों से विदाई देकर कविसम्मेलन का शानदार समापन किया। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेश माली एवं सीताराम काबरा, यंशवन्त सिंह पड़िहार, नाहर सिंह दीपंकर पारीक, मनीष देराश्री, वैभव डांगी सभी ने कवियों का स्वागत कर माल्यार्पण एवं उपरणे से स्वागत किया।

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