प्रकृति की रक्षा करना भी इंसान की नैतिक जिम्मेदारी

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– एनपीएस स्कूल में आर्य समाज द्वारा हवन यज्ञ का आयोजन
हनुमानगढ़। एनपीएस स्कूल हनुमानगढ़ द्वारा विद्यालय के विद्यार्थियों की सुख स्मृद्धि व खुशहाली की कामना को लेकर जंक्शन एनपीएस स्कूल ओडिटोरियम में आर्य समाज के सहयोग से सोमवार को हवन-यज्ञ करवाया गया। आर्य समाज के आनंदमोहन शर्मा ने विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ हवन यज्ञ करवाया। हवन यज्ञ में मुख्य यजमान विद्यालय निदेशक अजय कुमार गर्ग, कोषाध्यक्ष राधेश्याम लखोटिया, प्रिसीपल जसविन्द्र कौर सोढ़ी, नर्सरी विंग इंचार्ज ज्योती रामचन्दानी ने सपरिवार विधिवत पूजा अर्चना के साथ हवन यज्ञ में आहुति डाली। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ संपन्न करवाया। विद्यालय निदेशक अजय गर्ग ने बताया कि बच्चों को संस्कारवान बनाने के उद्देश्य व हवन पद्धति के जोड़ने के लिए उक्त हवन यज्ञ का आयोजन किया गया है। उन्होने बताया कि विद्यालय बच्चों के शारीरिक, मानसिक व संस्कारों के विकास के लिए समय समय पर धार्मिक आयोजन, सेमिनार व अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाता है। सोमवार को आयोजित हवन यज्ञ में आनंद मोहन शर्मा यज्ञ करवाते हुए कहा कि सभी जीवों को ईश्वर ने इस सृष्टि के अंदर लाकर महान उपकार किए है। जब कोई संसार में आता है तो उसका प्रकृति व परमात्मा स्वागत करता है। प्राकृति की रक्षा करना भी इंसान की नैतिक जिम्मेदारी होती है। महर्षि दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना करके समाज को एक दिशा प्रदान की थी। देश की आजादी से लेकर समाज को अध्यात्म के साथ जोड़ने तक में आर्य समाज की भूमिका अहम रही है। उन्होंने यज्ञ की वैज्ञानिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यज्ञ में फार्मेल्डिहाइड गैस उत्पन्न होती है जो कि रोगाणु नाशक होती है। कई बीमारियों के रोगाणु यज्ञ की शुद्ध वायु से नष्ट हो जाते हैं। आर्य समाज द्वारा सारे देश में अलग अलग स्थानों पर विशाल यज्ञ का आयोजन पर्यावरण के लिए किया जा रहा है। उन्होने कहा कि माता-पिता को भी चाहिए कि वे अपने बच्चों को ऐसे संस्कार दें कि वे बड़े होकर उनके संस्कारों का पालन करते हुए उनके बुढ़ापे का सहारा बन सकें। भौतिकता से भरी जिंदगी में परिवार टूटने लगे हैं। जिनके कारण बच्चों में संस्कारों का अभाव होने लगा है। नई पीढ़ियों को सत्कर्म की ओर प्रेरित करते हुए उन्हें अच्छे संस्कारयुक्त बनाना आज की आवश्यकता है।

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