हनुमानगढ़। स्थानीय आदर्श विद्या मंदिर विद्या भारती विद्यालय का कक्षा 10 के भाई बहिनों का दीक्षांत कार्यक्रम शनिवार को विद्यालय परिसर में समपन्न हुआ। कार्यक्रम में शिक्षाविद् संजीव कुमार ने छात्रों को जीवन में कुछ करने के लिए एक प्रतिज्ञा लेना व उस पर जीवन पर्यन्त चलने का दृढ निश्चय होना चाहिए। शिक्षा के उपरांत दीक्षा का प्राचीनकाल में बड़ा ही महत्व रहा है। गुरूशिष्य शिष्य परम्परा का जिक्र करते हुए संजीव कुमार ने बताया कि हमारी भारतीय शिक्षा केवल अक्षरज्ञान पर आधारित थी हमारी शिक्षा जीवन मूल्यों अनुभवों पर आधारित थी और दीक्षा के समय शिष्य से परीक्षा ली जाती थी अगर वह सफल होता तो ही उसे दिक्षित माना जाता है। आज भी दीक्षा का वही महत्व है। विद्यालय व्यवस्थापक मुरलीधर सोनी ने सबकों शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सफलता कठिन परिश्रम से प्राप्त होती है। विद्या के प्रधानाचार्य गंगाधर शर्मा ने कहा कि हमें जीवन में प्रगति करने के लिए स्वपन्न देखना चाहिए कोई भी कार्य असंभवन नही है। विद्यालय संरक्षक कृष्णचंन्द्र शर्मा ने आर्शीवचन दिया। कक्षाचार्य हैप्पी सोंवक ने छात्रों को अपना अपना लक्ष्य स्मरण कर वाया वही कक्षा 9 के छात्रों ने कक्षा 10 के छात्रों से अनुभव साझा किये। मंच संचालन विद्यार्थी पलक टाक ने किया। इस अवसर पर प्रियंका बजाज, प्रवीणलता शर्मा, अरविन्द सुथार, मनीष अजयपाल, चंचल मदान, प्रदीप शर्मा, पुष्पा चुघ, मनोरमा पारीक, आशा रानी, सरोज चावला, गीता शर्मा, पूनम बाला, सीमा बजाज, पूजा, अर्जुनलाल यादव सहित अनेक आचार्य उपस्थित रहे।
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