अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर “उद्घोष – 2022” सांस्कृतिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन

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हनुमानगढ़। 
श्री खुशालदास विश्वविद्यालय में शिक्षा संकाय द्वारा 8 मार्च अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक सांकृतिक कार्यक्रम “उद्घोष – 2022” आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेविका श्रीमती विजयलक्ष्मी चौधरी, विशिष्ट अतिथि नीलम चौधरी अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक हनुमानगढ़, ज्योति साहू समाजसेविका,  डॉ० रेणु सेतिया, बॉम्बे अस्पताल, डॉ० श्रेया अग्रवाल गुप्ता अस्पताल, पूनम जुनेजा, डॉ० नीरुपमा शर्मा स्वास्तिक अस्पताल, विजय लक्ष्मी चौधरी समाजसेविका, गुरमीत कौर वॉलीबॉल कोच, एना सैनी संचालक सैन फोर्ट स्कूल, श्री खुशालदास विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री दिनेश जुनेजा, कार्यकारी निदेशक श्रीमती पूजा जुनेजा, कुलसचिव प्रो० सी० एस० राघव, शिक्षा संकाय अधिष्ठाता डॉ० विक्रम सिंह औलख, डॉ० सत्यनारायण एवं डॉ० गुरमीत सिंह, डॉ० संजय ने माँ सरस्वती के आगे दीप प्रज्जवलित करके कार्यक्रम की विधिवत् शुरुआत की। श्री खुशालदास विश्वविद्यालय कार्यकारी निदेशक श्रीमती पूजा जुनेजा आए हुए अतिथियों का गर्मजोशी के साथ साफा पहनाकर व शॉल ओढाकर स्वागत किया और महिला दिवस की सभी मातृशक्तियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि वर्तमान मे महिला नित नई उंचाइयों को छू रही है और समाज को नई दिशा देने का काम कर रही है। श्रीमती पूनम जुनेजा ने अपने उद्बोधन में सांस्कृतिक कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहां कि गीत, नृत्य तथा भजन महिलाओं का जीवन को प्रेरणा देते है तथा उनको कुछ कर गुजरने के लिए प्रेरित करते है। भारतीय समाज में प्रत्येक सामाजिक कार्य में महिलाओं के संगीत और नृत्य का बहुत बङा महत्व है। मुख्य अतिथि समाजसेविका श्रीमती विजयलक्ष्मी चौधरी ने सभी को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहां कि समाज में नारी शक्ति का विशेष महत्व है। बिना नारी के समाज की कल्पना करना असंभव है और वर्तमान समय में नारी नित नये आयाम स्थापित कर रही है। नारी निरन्तर अपनी क्षमताओं के बल पर समाज का अभिन्न हिस्सा बन रही है। नारी जीवन अपने आप में एक संघर्षशील जीवन है, चाहे वह शहरी कामकाजी महिला हो या ग्रामीण अंचल की घरेलू नारी हो। अतः नारी को नारी को कम आंकना गलत होगा। विशिष्ट अतिथि श्रीमती ज्योति साहू ने महिला दिवस की सभी मातृ शक्तियों को शुभकामनाएं देते हुए महिला को समाज में समानता के अधिकार के लिए जागरूक होने के लिए आह्वान किया तथा कहां कि विश्व पटल मे महिला की एक अलग पहचान है वह मां, बहन, पत्नी के रूप में मां पार्वती के समान एक सौम्य छवि रखती है तो वहीं पर आवश्यकता पड़ने पर रण क्षेत्र में मां दुर्गा के भांति रणचंडी भी बन सकती है। अतः नारी शक्ति को अपने अधिकारों के लिए आगे आना चाहिए तथा समाज को भी नारी जाति को उचित सम्मान देने मे कोई संकोच नहीं करना चाहिए। उन्होंने नारी को समाज में उचित सम्मान और आगे आने के लिए प्रेरित किया।

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