जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में आज के सेशन स्टैंडिंग ऑन एन एप्पल बॉक्स: मेमोयर्स एंड मेमोरीज पर सुधा सदानंद से बातचीत करते हुए रजनीकांत की बेटी ऐश्वर्या ने जल्लीकट्टू पर उठे विवाद का समर्थन करते हुए कहा कि मुझे गर्व है कि मैं तमिल हूं और ये हमारी परंपरा है। इसे बैन नहीं होना चाहिए। मैं इसके समर्थन में युवाओं के साथ खड़ी हूं।
ऐश्वर्या ने अपनी पर्सनल लाइफ के बारें में बताया कि धनुष को उन्होंने नहीं बल्कि उनके माता-पिता ने चुना था। इसके पीछे वजह ये है कि धनुष का परिवार और रजनी के परिवार का रहन-सहन, सोच सबकुछ एक जैसा है। ऐश्वर्या ने तो ये भी बताया कि सोचने का भी मौका नहीं मिला और सगाई के दूसरे दिन ही शादी हो गई।
जब सुधा ने सवाल किया कि रजनीकांत ने तो लव मैरिज की थी फिर वो कंजर्वेटिव कैसे हुए। इसका जवाब देते हुए ऐश्वर्या ने कहा कि इनके दादा-दादी कंजर्वेटिव नहीं थे, इसलिए उनकी लव मैरिज हो सकी। ऐश्वर्या ने बताया कि इनकी बुक एन एप्पल बॉक्स में स्टार किड्स की कहानी है। ये किताब बताएगी कि स्टार किड्स भी आम लोगों की तरह ही जीवन जीते हैं। उन्होंने बताया कि उनका बचपन और कॉलेज टाइम सब कुछ सामान्य ही निकला।
सोशल मीडिया बेहतर प्लेटफार्म है-
ऐश्वर्या ने सोशल मीडिया को काफी फायदेमंद बताया। उन्होंने कहा कि रेप जैसी घटनाएं सोशल मीडिया के जरिए सभी तक पहुंचती हैं। इससे नॉर्थ में पता चलता है कि साउथ में क्या चल रहा है। पहले तो गांवों की बातें शहरों तक नहीं आ पाती थीं। मीडिया के क6सशक्त होने से इस तरह के मसलों पर जागरुकता बढ़ रही है। ये जरूरी भी है। ऐश्वर्या ने कहा कि जहां तक स्टार किड्स की बात है तो उन्हें कई बार सोशल मीडिया के अफवाहों का शिकार होना पड़ता है।
स्टार को अपने किड्स से जुड़ी अफवाहों पर चुप बैठने की बजाय उसकी सच्चई बतानी चाहिए। ये बात ऐश्वर्या ने श्वेता बच्चन की बेटी को लेकर कहा। उन्होंने बताया कि कई बार सोशल मीडिया स्टार किड्स के बच्चों के निजी जीवन में ताक-झांक करता है जो कि बहुत नकसानदायक है। ऐश्वर्या अपने बच्चों को सोशल मीडिया, फिल्म और कैमरा से दूर रखती हैं। इनका कहना है कि जब तक इन्हें इसकी अच्छे से समझ नहीं हो जाती तब तक इन्हें दूर ही रखना चाहिए।