सरपंच संघ ने विभिन्न मांगों के निस्तारण की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन

0
146

-मांगे नहीं मानने पर विधानसभा का करेंगे घेराव
हनुमानगढ़। 
राजस्थान सरपंच संघ जयपुर के आह्वान पर जिला सरपंच संघ हनुमानगढ़ द्वारा सोमवार को जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर सरपंच संघ के मांग पत्र एवं लिखित समझौते पर आदेश जारी नहीं करने के विरोध में आक्रोशित सरपंच संघ के आंदोलन के संबंध में लोंगवाला सरपंच सुनील क्रांति, नगराना सरपंच अनिल कांवलिया, अमरपुरा खेड़ी सरपंच रोहित स्वामी के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया कि विभाग एवं सरकार के द्वारा सरपंच संघ से मार्च एवं अक्टूबर, 2021 में मांग पत्र पर समझौता किया गया था, लेकिन सरपंच संघ के प्रतिनिधिमंडल द्वारा बार-बार निवेदन के बाद भी विभिन्न्न मांगों पर सहमति बन गई थी, उनके आदेश भी जारी नहीं किए जा रहे है, जिसके कारण प्रदेश के सरपंचों में आक्रोश का माहौल है। इससे व्यथित हो कर राजस्थान सरपंच संघ ने सरकार के ध्यानाकर्षण के लिए आंदोलन का निर्णय किया है। आंदोलन के प्रथम चरण में दिनांक 21 फरवरी, 2022 को जिला मुख्यालय पर ध्यानाकर्षण ज्ञापन दिया गया। इसके पश्चात भी यदि 23 फरवरी, 2022 को राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में सरपंच संघ की मांगों को सम्मिलित नहीं किया गया तो सरपंच संघ द्वारा बजट सत्र में ही विधान सभा का घेराव किया जाएगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन एवं सरकार की होगी। सरपंच संघ की मुख्य मांगों में ग्राम पंचायतों को विकास के लिए छठे राज्य वित्त आयोग की वित्तीय वर्ष 2021-22 की 3000 करोड रुपए 15 वे वित्त आयोग की द्वितीय किस्त की राशि के पंद्रह सौ करोड़ रुपए जारी किए जाने, ग्राम पंचायतों के विकास की राशि में से मानदेय कर्मियों (पंचायत सहायक, कोविड हेल्थ सहायक, सुरक्षा गार्ड एवं पंप चालक ) के भुगतान के प्रावधानों को निरस्त कर इनके मानदेय के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया जाने, सरपंचों का मानदेय विगत 5 वर्षों से नहीं बढ़ाया जा रहा है। इसे बढ़ाकर 4000/- के स्थान पर ₹15000/- किए जावे। ग्राम पंचायत के वार्ड पंचों का बैठक भत्ता 500 /- रुपए एवं पंचायत समिति जिला परिषद सदस्यों का बैठक भत्ता ₹1000/- किया जाने, प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना के विभागीय त्रुटी से 2.06 लाख काटे गए नामों को पुनः जोड़ा जाने, जल जीवन मिशन योजना का संचालन एवं संधारण बिना संसाधन एवं बजटीय प्रावधानों के ग्राम पंचायतों पर थोपा जा रहा है। इसके लिए जलदाय विभाग को अधिकृत किया जाने, ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग द्वारा 29 नवंबर, 2021 को सीमित निविदा से कार्य संपादित करवाने के जारी आदेश को पुनः संशोधित किया जाने, ग्रामीण जनता की सुविधा के लिए प्रचलित रास्तों, टंकी बोरिंग, टांका, हैंड पंप एवं पाइप लाइन के विकास कार्य सहमति के आधार पर करवाने की अनुमति प्रदान की जाने, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित होने से वंचित पात्र लाभार्थियों के नाम जोड़ने के लिए पोर्टल को पुन खोला जाने,  ग्रामीण क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं आशा आदि के चयन की प्रक्रिया पूर्व की भांति ग्रामसभा के माध्यम से ही संपादित करने के आदेश जारी किए जाने, ग्राम पंचायत द्वारा जारी भूमि विक्रय विलेख (पट्टा) में त्रुटी होने पर सीधे ही पुलिस में एफ आई आर दर्ज कराने के स्थान पर प्रशासनिक स्तर पर अपील का प्रावधान किया जाने, ग्राम पंचायतों के लेखा परीक्षण के लिए विभिन्न प्रकार के 5 से 6 अंकेक्षण दलों के स्थान पर अधिकतम दो अंकेक्षण प्रक्रिया निर्धारित की जाने, नगरीय क्षेत्र की पेराफेरी सीमा में आने वाली ग्राम पंचायत स्तर के विभिन्न कार्यालयों, सामुदायिक सुविधाओं एवं आबादी विस्तार के लिए भूमि आवंटन में उत्पन्न की जा रही जटिलताओं को दूर करने के प्रभावी निर्देश जारी किए जाने, ग्राम पंचायत स्तर पर लगभग समस्त कार्य ऑनलाइन प्रक्रिया से संपादित किए जा रहे हैं जिसके लिए ग्राम पंचायतों को संसाधन उपलब्ध करवाए जाने की मांग की। सरपंच संघ द्वारा मुख्यमंत्री को जिला कलेक्टर के मार्फत ज्ञापन सौंपकर उक्त मांगों के निस्तारण की मांग की है अन्यथा आंदोलन की चेतावनी दी है।

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।