बारह सूत्रीय मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन

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हनुमानगढ़। वेतन विसंगति को दूर करने एवं वेतन कटौती के आदेश वापस लेने सहित बारह सूत्रीय मांगों को लेकर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) जिला इकाई के बैनर तले सरकारी कर्मचारियों ने शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया। धरना-प्रदर्शन के बाद जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा गया। महासंघ के जिलाध्यक्ष अशोक भोभिया ने बताया कि 1 फरवरी की वर्चुअल मीटिंग में मुख्यमंत्री ने कर्मचारी संघों से संवाद करते हुए आश्वस्त किया था कि राज्य सरकार प्रदेश के कर्मचारियों के सभी संवर्गों के कल्याण एवं हित चिंतन के लिए सदैव तत्पर है। लेकिन उसके 2 दिन बाद ही 3 फरवरी को राज्य सरकार ने खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में गठित वेतन विसंगति परीक्षण समिति का कार्यकाल 6 फरवरी से छह माह तक बढ़ाए जाने के आदेश जारी कर दिए। इससे पूर्व भी वेतन विसंगतियों के निवारण के लिए राज्य सरकार ने डीसी सामंत की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी। उस कमेटी की रिपोर्ट 5 अगस्त 2019 को राज्य सरकार को प्राप्त हो चुकी है। उस रिपोर्ट को भी सरकार ने अभी तक प्रकाशित नहीं किया है। इसके अलावा महासंघ (एकीकृत) के लम्बित मांगपत्र 10 अगस्त 2021 एवं अतिरिक्त मांग पत्र 1 जनवरी 2022 पर भी बार-बार ध्यानाकर्षण के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब कर्मचारियों ने सरकार का मांगों की तरफ ध्यान आकर्षित करवाने के लिए एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने राज्य कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर कर भत्ते तय करने, वित्त विभाग के 30 अक्टूबर 2017 के वेतन कटौती के आदेश निरस्त करने, ग्रेड पे 2400 व 2800 के लिए बनाए गए पे लेवल को समाप्त कर केन्द्र के अनुरूप पे मैट्रिक्स निर्धारित करने, चयनित वेतनमान का परिलाभ 9, 18 व 27 वर्ष के स्थान पर 8, 16, 24 व 32 वर्ष की सीमा अवधि पूर्ण करने पर पदोन्नति पद के समान देने, 2004 के बाद नियुक्त राज्य कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने, कोविड-19 के अंतर्गत राज्य कर्मचारियों के मार्च 2020 के स्थगित किए गए वेतन का शीघ्र भुगतान करने, निरस्त किए गए मंत्रालयिक एवं अधीनस्थ कर्मचारियों के लिए स्टेशनरी भत्ता संवेतन मद से आहरित करने के आदेशों को तुरंत बहाल करने, जन घोषणा पत्र 2018 में कर्मचारी कल्याण के तहत की गई घोषणाओं की अनुपालना में लगाए गए अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने, दो से अधिक संतान होने के कारण पदोन्नति से 5 वर्ष या 3 वर्ष वंचित किए जा चुके राज्य कर्मियों को उनकी पदोन्नति उपरांत मूल वरिष्ठता प्रदान करने, पदनाम परिवर्तन एवं सेवा नियमों से संबंधित सभी प्रकरणों का निस्तारण करने, एमटीएस बजट घोषणा के अनुसार केन्द्र सरकार के अनुरूप राज्य में एमटीएस का पद सृजित कर सहायक कर्मचारियों को समायोजित करने एवं इनका प्रारंभिक वेतन 18 हजार रुपए निर्धारित करने तथा मंत्रालयिक संवर्ग के सभी 26 हजार पद सृजित करने की मांग की। इस मौके पर महासंघ के महामंत्री विजय पारीक, फूलचन्द, रविन्द्र शर्मा, विश्वामित्र, रमेश गलगट, महावीर शर्मा, दलीप, बाबूसिंह, रामचरण, मोहन पारीक, रामेश्वर दूधवाल, कंवरपाल ढाका, श्रवण सैन, पंकज, बलकार सिंह, पवन कुमार, लूणकरण पारीक, जसवीर सिंह, जयकिशन शर्मा, नवीन, श्याम कुमार, कृष्ण भाटी, मोहन सिंह सहित कई कर्मचारी मौजूद थे।

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