बसंत पंचमी के अवसर पर विधि विभाग द्वारा सह-शैक्षणिक कार्यक्रम का आयोजन

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श्री खुशालदास विश्वविद्यालय के विधि विभाग द्वारा बसंत पंचमी के अवसर पर सह-शैक्षणिक गतिविधि का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती प्रतिमा के सामने प्रार्थना कर की गयी। इस अवसर पर कुलसचिव सी0एस0 राघव ने विद्यार्थियों को मां सरस्वती के समक्ष उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए शुभकामनाएं दी एवं कहां कि बसंत पंचमी का पर्व सुख, समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है। यह पर्व हमें अज्ञान से ज्ञान की तरफ बढ़ने की प्रेरणा देता है।। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ0 विक्रम मेहरा ने बच्चों को गुरू-शिष्य के सम्बधों पर प्रकाश डालते हुए शिक्षा के महत्व को समझाया। कार्यक्रम की श्रृंखला में घुड़सवारी, रस्साकस्सी, बाधा दौड़ जैसी अन्य कई एथलेटीक्स गतिविधियों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम प्रभारी रजनीश बिश्नोई ने बच्चों को तिलक लगाकर अपने काल्पनिक जीवन से बाहर निकलकर भौगोलिक धरातल पर सपने साकार करने के लिए प्रेरित किया। सह आचार्य इंद्रसेन बुगालिया ने बच्चों को इस अवसर पर बसन्त की तरह अपने मन में नये विचारों को लाने व उन्हें पूर्ण रूप से मानसिक व  शारीरिक रूप से मजबूत होकर नई कठिनाईयों का सामना करने हेतु प्रेरित किया। इस कार्यक्रम में सृष्टि असीजा एवं विधि विभाग के सभी विद्यार्थी मौजूद रहे। इस अवसर पर गुरु गोविन्द सिंह चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री बाबूलाल जुनेजा, श्री खुशालदास विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री दिनेश जूनेजा, डॉ0 विश्वजीत, डॉ0 स्वाती, डॉ0 मनीष गुप्ता, डॉ0 संतोष स्वामी, डॉ0 अर्चना, डॉ0 संजय दीक्षित डॉ0 शैली अस्थाना, डॉ0 मनोज लता सिंह, डॉ0 परमानंद शर्मा, डॉ0 पंकज कांत दिक्षित, डॉ0 जसकरण सिंह व डॉ0 सुनील ठकराल,  डॉ0 समृद्धि आदि मौजूद रहें। द्वितीय चरण में अंतिम कलांश में यज्ञ शाला में भव्य यज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें श्री खुशालदास विश्वविद्यालय परिवार के प्रबंधन अधिकारियों, कार्मिंकों एवं सभी संकाय विद्यार्थियों द्वारा आहुति देकर सनातन संस्कृति का जीवंत उदहरण को प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर सभी पक्षों ने माँ सरस्वती से सद्बुद्धि देने हेतु आह्वान किया।

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