संयुक्त किसान मोर्चा ने मनाया विश्वासघात दिवस

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हनुमानगढ़ टाउन के नजदीक कोहला टोल नाका को करवाया टोल फ्री, सभा कर प्रधानमंत्री का पुतला जलाया
हनुमानगढ़।
 कृषि जिन्स की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी के कानून की मुख्य मांग सहित किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस नहीं लिए जाने से नाराज किसानों ने आज सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के आह्वान पर विश्वासघात दिवस मनाया। इसके तहत किसान मेगा हाइवे पर गांव कोहला के नजदीक स्थित टोल नाका पर एकत्रित हुए तथा वाहनों को टोल फ्री करवाते हुए सभा की। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी का पुतला दहन किया। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों को राष्ट्रपति के नाम चार सूत्री मांगपत्र सौंपा। कोहला टोल नाका पर हुई सभा को संबोधित करते हुए किसान नेता रामेश्वर वर्मा एवं किसान नेता डॉ सौरभ राठौड हनुमानगढ़ एवं गुरुपरविंदर सिंह मान ने कहा कि 15 जनवरी को टिकरी बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई थी। उस बैठक में विचार-विमर्श हुआ कि केंद्र सरकार की ओर से मोर्चा के साथ समझौता किया गया था किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस लिए जाएंगे। जो किसान शहीद हुए हैं उन्हें पंजाब के पैटर्न पर मुआवजा दिया जाएगा। एमएसपी पर खरीद की गारंटी के कानून के लिए कमेटी बनाई जाएगी। इसके अलावा मोर्चा की अन्य मांगों को लेकर भी समझौता हुआ था। लेकिन सरकार ने अभी तक इन मांगों को लेकर कोई कार्रवाई शुरू नहीं की है। इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 31 जनवरी का दिन पूरे देश में विश्वासघात दिवस मनाया है। इसके तहत हनुमानगढ़ जिले में भी तहसील मुख्यालयों पर सभाएं कर प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कोहला टोल नाके पर विश्वासघात दिवस मनाते हुए वाहनों को टोल फ्री करवाया गया है। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी का पुतला जलाया गया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद भी केंद्र सरकार को यह कहा था कि मोर्चा ने आंदोलन को स्थगित किया है न कि समाप्त किया है। अगर सभी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो दोबारा आंदोलन शुरू करने से पीछे नहीं हटेंगे। वही किसान नेता रेशम मानुका एवं किसान नेता रघुवीर वर्मा ने कहा कि आज सड़कों की हालात यह नहीं है कि टोल नाकों पर टोल की वसूली की जाए। टोल नाकों पर असामाजिक तत्व बैठा रखे हैं। वे वाहन चालकों के साथ अभद्र व्यवहार करते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की यह मांग भी है कि 60 किलोमीटर की दूरी से पहले टोल नाका नहीं होना चाहिए। लेकिन वर्तमान में हालत यह है कि 35-40 किलोमीटर के दायरे में ही दो-दो टोल नाके चल रहे हैं। इसलिए 60 किलोमीटर के दायरे में एक ही टोल नाका हो। सड़कें दुरुस्त की जाएं। टोल नाके पर बैठने वाले कर्मचारियों को सभ्य तरीके से पेश आने के लिए पाबंद किया जाए। वही इस मौके पर हुई सभा को संबोधित करते हुए किसान नेता सुरेंद्र शर्मा लखबीर सिंह बराड़ एवं संदीप कंग ने भी केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा का आंदोलन अभी स्थगित हुआ है। आंदोलन निरंतर जारी है। संयुक्त किसान मोर्चा की अभी तक कृषि जिन्स की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी के कानून की मुख्य मांग पूरी होना अभी शेष है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाडिय़ां चढ़ाने की घटना को लेकर केन्द्रीय मंत्री के इस्तीफे व उनकी बर्खास्तगी की मांग भी अभी तक पूरी नहीं हुई है। इसके अलावा किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने की मांग भी अभी तक नहीं मानी गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि एमएसपी पर खरीद की गारंटी के लिए अभी तक न तो कमेटी की मीटिंग हुई है और न ही प्रारूप बनाया गया है। मुकदमे भी वापस नहीं लेकर केंद्र सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है। जब तक यह मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक किसान आंदोलन निरंतर जारी रहेगा इस मौके पर श्रमिक नेता आत्मा सिंह बहादुर सिंह चौहान मनप्रीत सिंह सरा पाला सिंह सारां,यादवेंद्र सिंह,अमन घुम्मन बलविंदर सिंह सोहनलाल खालिया बसन्त सिंह आदि ने भी संबोधित किया वही सभा में भारी संख्या में किसान मजदूर मौजूद रहे।

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