11 दिवसीय अणुव्रत कार्यक्रम में आध्यात्मिक काव्य निशा का आयोजन

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जिला संवाददाता भीलवाड़ा। शाहपुरा के लाड़ स्वाध्याय भवन में चल रहे 11 दिवसीय अणुव्रत कार्यक्रम में साहित्य सृजन कला संगम संस्थान, शाहपुरा एवं अणुव्रत समिति शाहपुरा के संयुक्त तत्वावधान में आध्यात्मिक काव्य निशा आयोजित की गई। अहिंसा यात्रा प्रणेता आचार्य महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती शासनश्री ध्यान साधक मुनि सुरेश कुमार हरनावां सहवर्ती मुनि संबोध कुमार मेधांश के सानिध्य एवं कवि दिनेश बंटी के संयोजन में आयोजित काव्य निशा में अणुव्रत विश्व भारती (अणुविभा) के परामर्श मण्डल सदस्य एवं अणुव्रत प्रवक्ता डॉ. महेंद्र कर्णावट, अणुविभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संचय जैन के आतिथ्य में रामनगर, शाहपुरा में स्थित लाड़ स्वाध्याय भवन में आयोजित काव्य गोष्ठी ‘श्रृद्धा एवं संयम विषय पर कवियों ने एक से बढ़कर एक काव्य रचनाओं से श्रोताओं को आनन्दित कर दिया।
गीतकार सत्येन्द्र मण्डेला की सरस्वती वंदना से शुरू हुई गोष्ठी में सुनील भट्ट ने मेरे मन की तुम श्रद्धा हो, मैं विश्वास प्रिये, श्रोताओं की खूब दाद मिली। ख्याति प्राप्त कवि डॉ0 कैलाश मण्डेला ने सन्तों के जहाँ चरण पड़े वहां बनता तीरथ धाम, आओ करें हम गरू चरणों में प्रणाम एवं गुरू वंदना गुरू जगमग करता तारा रे, एड़ी जोत जळादी मन में मिटग्या सकल अंधारा रे पर श्रोता झूम उठे। कैलाश झाड़ावत ने प्यारो शाहपुरा सारा में सिरमौर गीत से शाहपुरा कस्बे की विशेषताओं का बखान किया। नवोदित कलमकार सोनू झाड़ावत ने कोरोना महामारी पर बेहतरीन रचना प्रस्तुत की। गीतकार बालमुकन्द छीपा ने आध्यामिक गीत हो चुकी प्रार्थनाऐं बहुत प्रस्तुत किया। व्यंग्यकार रामप्रसाद पारीक ने हरपल में उपजते भाव उसी के अनुरूप हो जाता है स्वभाव। कैलाश कोली ने जिन्दगी बिटिया की क्यों छीनी, छुरी गर्दन पर क्यों चली भ्रुण हत्या पर बेहतरीन रचना सुनाकर भाव विभोर कर दिया।

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