राज्यसरकार के खिलाफ भाजपा की जन आक्रोश रैली, किया प्रदर्शन

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हनुमानगढ़। राज्य सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ भाजपा ने शुक्रवार को जन आक्रोश सभा व रैली कर दमखम दिखाया। जंक्शन कलैक्ट्रैट के सामने आक्रोश सभा में प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों से लेकर गांव के पंचों तक ने हिस्सा लिया। सभा से पूर्व हैलीकॉप्टर क्रैश के दौरान जनरल विपिन रावत सहित शहीद सैनिकों की आत्मिक शांती हेतु मोन रखा गया। सभा को पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप, सांसद निहालचंद मेघवाल, जिलाध्यक्ष बलवीर बिश्नोई, जिला संगठन प्रभारी गुमान सिंह राजपुरोहित, पीलीबंगा विधायक धर्मेंद्र मोची, संगरिया विधायक गुरदीप सिंह, एस सी मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल, पूर्व विधायक संजीव बेनीवाल, अभिषेक मटोरिया, द्रोपदी मेघवाल, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष सरोज लावा, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष सुशील जोशी, ओबीसी मोर्चा जिला अध्यक्ष महंगा सिंह, अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष अदरीश गौरी, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष रमेश बेनीवाल सहित कई वक्ताओं ने पेट्रोल- डीजल पर वेट, रोजगार, किसानों की कर्जा माफी, महिला एवं दलित अत्याचार व भार्तियों में धांधली सहित विभिन्न मुद्दों पर प्रदेश सरकार पर तीखे जुबानी तीर चलाए। करीब तीन घंटे चली सभा के बाद महामहिम राज्यपाल के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया कि राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है. सिंचाई पानी की समस्या आए दिन प्रदेश में बढ़ते बिजली के दाम महिलाओं व अनुसूचित जाति के लोगों पर बढ़ते अत्याचार भर्ती परीक्षाओं में धांधली, अपहरण, भूमाफियों व नशा माफफियों का बढ़ता जाल, सेम की समस्या यानि हर क्षेत्र में कांग्रेस सरकार विफल है। हनुमानगढ़ जिला कृषि प्रधान जिला है, इस कृषि प्रधान जिले में सिंचाई पानी प्रथम आवश्यकता है इस सरकार की लापरवाही से जिले में सिंचाई पानी के अभाव में फसलों को भारी नुकसान पहुंच रहा है लेकिन गहलोत सरकार के सिंचाई मंत्री का कुछ अता पता ही नहीं है ओर न ही किसी कांग्रेसी विधायक ने नहर तक जाना उचित समझा। सरकार का सिचाई विभाग किसानों को पानी देने में नकारा साबित हुआ है। भारतीय जनता पार्टी मांग करती है कि इंदिरा गांधी नहर व भाखरा परियोजना फरवरी माह तक तीन में से एक ग्रुप पानी चला कर किसानों को सिंचाई पानी दिया जायें। इसके साथ-साथ जिलें में जो पेयजल दिया जा रहा है उसमें पंजाब की कैमिकल फेक्ट्रीयों का गन्दा पानी मिला हुआ आता है जिसमें कारण लोग बिमारियों के शिकार होते चले जा रहे है। चुनाव के समय बिजली पानी की कीमतों में वृद्धि नहीं करने का वादा कर सरकार बनाने वाली कांग्रेस पार्टी ने बिजली की कीमतों को सामान्य आदमी की पहुंच से बाहर कर दिया है। स्थाई शुल्क व स्मार्ट मीटर के प्रयोग ने कोढ़ में खाज का काम किया है। किसानों के हितों की बात करने वाली गहलोत सरकार ने भाजपा सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई 833 रू की सब्सीडी को रोककर किसानों पर कुठाराघात किया है पानी पर भी सरचार्ज लगाकर पानी में आग लगाने का काम किया है, विडम्बना तो यह है कि राज्य सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत केन्द्र से मिलने वाली पूरी राशि ही नहीं ली है। और जल जीवन मिशन अभियान को अपना बता कर झूठी लूट रही है।

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