घग्घर राईस बेल्ट के किसानों को परमल चावल का एमएसपी पर खरीद का मिले हक : भगवान सिंह

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हनुमानगढ़ व गंगानगर जिले में घग्घर नदी के आस-पास के क्षेत्र में चावल की खेती काफी बड़े भू-भाग पर होती है परन्तु विडम्बना यह है कि यहां कि राज्य सरकार बार-बार जनप्रतिनिधियों द्वारा विधानसभा में एमएसपी पर धान खरीद का मुद्दा उठाने के बावजुद भी केन्द्र सरकार को चावल खरीद की अनुशंसा नही कर रही है जिससे इन जिलों के चावल उत्पादक किसान अपनी फसल को ओने-पोने दामों पर बेचने को मजबुर है। इस मौके पर भगवान सिंह खूड़ी ने बताया पहले यहाँ के व्यापारी किसान का चावल खरीद कर पड़ौसी राज्य पंजाब व हरियाणा में चावल मिलों को भेजते थे क्योकि यहाँ के चावल की गुणवत्ता पंजाब, हरियाणा की अपेक्षा अच्छी है जिसकी वजह से मिलों वालों की मांग होती है परन्तु अब इन दोनों राज्यो के किसान अपने यहाँ इन दोनों जिलों का चावल नहीं जाने देते। यहाँ की सरकारे भी इन किसानों के साथ है ।यहाँ के किसानों का मानना है कि जब राजस्थान का चावल आयेगा तो पंजाब हरियाणा के व्यापारी राजस्थान का चावल खरीदे दे अपने राज्य को चावल नहीं खरीदेगे। इन राज्यों की सरकार व किसान दोनों यहां के चावल की गुणवत्ता को स्वीकार करते है। परन्तु हमारी अपनी सरकार सोई पड़ी है। ऐसा लगता है रोस जल रहा था नीरो बंशी बजा रहा था। अब पंजाब, हरियाणा के व्यापारी चावल खरीद करके अपने राज्यों में नहीं भेज रहे है। क्योंकि इनके माल से लदे ट्रक टोल नाके पर किसानों द्वारा रोक लिये गये हैं। जब व्यापारी चावल नहीं खरीदेंगे तो किसान को अपना उत्पादित चावल यहाँ की लोकल मिल जो कि संख्या में ऊँट के मुंह में जीरे जितनी है उनको एमएसपी से 400-500 रूपये नीचे बेचना पड़ेगा। इसकी वजह से किसान को लागत मूल्य भी प्राप्त नहीं होगा। किसान को बैंकों व सेठ-साहूकारों का कर्ज चुकाने के लिये सिर्फ और सिर्फ आत्महत्या करनी होगी। हम भगवान से दुआ करते है कि समय रहते राज्य सरकार जाग जाये और किसान का चावल एमएसपी पर अविलम्ब खरीद आरम्भ करवाकर किसान को बर्बादी से बचाये। हम सभी किसानों की सभी पार्टियों के नेताओं से भी गुजारिश है कि अपनी अपनी पार्टियों  से ऊपर उठकर अन्नदाता की इस पीड़ा को समझते हुए किसान के साथ आकर खड़े हो ताकि अन्नदाता को बर्बाद होने से बचाये।

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