श्रीमद्भागवत कथा का दूसरा दिन: गलती हो जाए तो प्रायश्चित जरूर करें: ब्रह्मचारी श्री हरिदास जी महाराज

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हनुमानगढ़। श्रीराम प्रभात फेरी हनुमानगढ़ जंक्शन द्वारा शहर की सुखस्मृद्धि व खुशहाली की कामना को जंक्शन चन्द्रशेखर आजाद वाटिका में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के दूसरे दिन कथा का वाचन करते हुए ब्रह्मचारी श्री हरिदास जी महाराज ऋषिकेश ने कहा कि मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं। लेकिन ऐसा होने पर समय रहते सुधार और प्रायश्चित जरूरी है। ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप की श्रेणी में आ जाती है। कथा व्यास ने पांडवों के जीवन में होने वाली श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया। कहा कि परीक्षित कलयुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं। उसी के पश्चाताप में वह शुकदेव जी के पास जाते हैं। भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है, जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान देती है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है। कथा व्यास ने कहा कि द्वापर युग में धर्मराज युधिष्ठिर ने सूर्यदेव की उपासना कर अक्षय पात्र की प्राप्ति किया। हमारे पूर्वजों ने सदैव पृथ्वी का पूजन व रक्षण किया। इसके बदले प्रकृति ने मानव का रक्षण किया। भागवत के श्रोता के अंदर जिज्ञासा और श्रद्धा होनी चाहिए। परमात्मा दिखाई नहीं देता है वह हर किसी में बसता है। आयोजक श्री राम प्रभात फेरी मंडल के सदस्यों ने बताया कि शहर की सुख समृद्धि व खुशहाली की कामना को लेकर 26 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। उक्त आयोजन में ऋषिकेश से ब्रह्मचारी श्री हरिदास जी महाराज कथा का वाचन करेगे। कथा के दौरान दोपहर 2ः30बजे से 3 बजे तक भजन कीर्तन व 3 से सायं 6 बजे तक कथा का आयोजन कयिा जायेगा। उक्त आयोजन में विशेष बात यह है कि उक्त आयोजन में व्यास पीठ पर किसी प्रकार की भेंट या चढावा नही चढ़ेगा व संतों के चरण छुना भी व्रजित है।

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