संवाददाता भीलवाड़ा। कस्बे में परंपरागत तरीके से जलझूलनी एकादशी का पर्व मनाया गया। इस वर्ष कोरोना गाइडलाइन के चलते कार्यक्रम काफी संक्षिप्त रखे गए। प्रशासन की तरफ से पुख्ता पुलिस बंदोबस्त जल सरोवर पर तैनात रहे।सबसे पहले भगवान श्री चारभुजा नाथ का विमान परंपरागत तरीके से बड़े मंदिर से निकला जो नगर के मुख्य मार्गो से होता हुआ पिवनिया तालाब पहुंचा। जहां मंत्रोचार के पश्चात भगवान की को जलविहार कराके महा आरती की गई। तत्पश्चात कस्बे के श्री मुरलीधर जी,श्री गोवर्धन नाथ के मंदिर व अन्य मंदिरों से बेवाण निकले और पिवनिया तालाब तथा रावला घाट पर जलविहार किया। घरों के बाहर बंदरवाल लगाई जाती है जिनका जलझूलनी एकादशी पर तालाब में विसर्जन किया जाता है। पालिका द्वारा इस वर्ष बंदनवार को पानी में विसर्जित नहीं करके जल का स्पर्श कराकर अलग से एकत्रित कर लिया गया। जिन्हें बाद में निस्तारित कर दिया जाएगा। बेवाण निकलने के दौरान हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की से वातावरण गुंजायमान हो गया।
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