जीवन एक रंगमंच की तरह है- साध्वी विनीतरूप प्रज्ञा

0
232

संवाददाता भीलवाड़ा। जीवन एक रंगमंच की तरह है, जीवन को अच्छे से जीना है तो पहले अपने जीवन को परिवर्तन करना होगा, अपने स्वभाव को बदलना होगा।भली सोच जो भी रखते है, सुख उनका साथी होता है, बुरी सोच रखने वाला तो, दुःख के ही कांटे बोता है। अच्छी सोच, अच्छी दृष्टि, मधुर वाणी हो तो जीवन स्वर्ग बन जाता है। उक्त विचार तपाचार्य साध्वी जयमाला की सुशिष्या बाल साध्वी विनीतरूप प्रज्ञा ने धर्मसभा में व्यक्त किये। साध्वी ने कहा कि बुरा सोचने वाला व्यक्ति करोड़पति से पल भर में रोडपति बन जाता है। हमे अच्छी आदतों का मालिक बनना चाहिए, अच्छी आदतें वे सीढ़िया है, जो हमे ऊपर की और लेकर जाती है, जब कि बुरी आदतें वे सीढ़िया है जो हमे नीचे लेकर जाती है। जैसी हमारी आदत होगी वैसी ही हमारी जीवन की इमारत बनेगी। हमे अगर मोह करना ही है तो प्रभु से करो जो हमारी आत्मा का कल्याण कर सके। हम राग द्वेष के जाल में फंसे पड़े हुए है इसलिए हमारे कर्मो का बंधन हो रहा है। साध्वी चंदनबाला ने कहा कि आगामी 20 सितम्बर सोमवार को आप और हम सभी आचार्य जयमल महाराज का जन्म जयन्ति समारोह मनाने वाले है। हमे जीवन मे सदैव यह चिंतन करना है कि हमारे कर्मो के बंधन किससे हो रहे है, दुनिया स्वार्थी है, पुण्य और पाप दोनो साथ चलते है। हमे अधिक से अधिक पुण्य कमाना है। हम स्वयं अपने आप को बदले, जिससे कि हमारी जिंदगी सुनहरी हो जाएगी।

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।