दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को उनके पद से हटाने का फैसला दिया है। कोर्ट ने सचिव अजय शिर्के को भी उनके पद से हटा दिया है। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने अपने फैसले में अनुराग ठाकुर से पूछा है कि आखिर उनके खिलाफ ऐक्शन क्यों न लिया जाए। कोर्ट ने ऐडमिस्ट्रेटर्स के नाम सुझाने के लिए वरिष्ठ वकील फली नरीमन और गोपाल सुब्रह्मणयम की दो सदस्यीय समिति का भी गठन किया है। कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी को करेगा।
अनुराग ठाकुर पर आरोप था कि उन्होंने लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को लागू करने में रुकावट पैदा की है। उन पर आरोप था कि उन्होंने आईसीसी से कहा था कि वह ऐसा पत्र जारी करे जिसमें यह लिखा हो कि लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को लागू करने से बोर्ड के कामकाज में रुकावट पैदा होगी
इस फैसले के बाद पत्रकारों से बात करते हुए जस्टिस लोढ़ा ने कोर्ट के फैसले को स्वीकार किया है। जस्टिस लोढ़ा ने कहा कि कोर्ट को बोर्ड के फैसले को स्वीकार करना होगा। उन्होंने कहा कि यह क्रिकेट की जीत है। खेल प्रशासक आते-जाते रहते हैं लेकिन खेल सबसे बड़ा है।
#WATCH: Victory for cricket, administrators come & go but ultimately its for the game’s benefit says Justice Lodha on Thakur/Shirke removal pic.twitter.com/mmic3v09zx
— ANI (@ANI_news) January 2, 2017
अनुराग ठाकुर पर चलेगा अवमानना का मुकदमा
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को झूठी गवाही देने के लिए फटकार लगाई थी। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा था कि अनुराग ठाकुर पर अवमानना का केस चलाया जा सकता है, अगर बिना शर्त माफी नहीं मांगी तो उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। अनुराग पर आरोप है कि उन्होंने झूठा हलफनामा दायर किया था। इसके साथ ही अनुराग पर सुधार प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने के भी आरोप लग रहे थे। हालांकि अनुराग ने इन आरोपों से इनकार किया है।